एंटीबायोटिक्स अब नहीं रही भरोसे के लायक ! WHO ने भारत को दी चेतावनी
punjabkesari.in Friday, Oct 17, 2025 - 11:37 AM (IST)

नारी डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई रिपोर्ट एक बढ़ते संकट को लेकर दुनिया को अलर्ट किया है । रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में हर छह में से एक बैक्टीरियल संक्रमण एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोधी था। यानी, यह संक्रमण दवाओं से भी ठीक नहीं हो पा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) यानी दवाओं के प्रति प्रतिरोध बढ़ना गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा कर रहा है और इसे रोकने के लिए तुरंत सावधानी और सही उपाय अपनाने की जरूरत है।
WHO ने दी चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि विशेषतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं का असंयमित और बार-बार इस्तेमाल शरीर में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस बढ़ा रहा है, जो आने वाले समय में एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन सकती है। एएमआर तब होता है जब बैक्टीरिया विकसित होते हैं और उन्हें मारने के लिए बनाई गई दवाओं पर प्रतिक्रिया करना बंद कर देते हैं। इससे सामान्य संक्रमणों का इलाज मुश्किल हो जाता हैऔर कभी-कभी असंभव भी। WHO ने चेतावनी दी है कि अगर AMR पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो भविष्य में साधारण संक्रमण भी खतरनाक साबित हो सकते हैं।
भारत पर मंडरा रहा खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक एंटीबायोटिक प्रतिरोध निगरानी (ग्लास) रिपोर्ट के अनुसार, यह समस्या भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों में, खासकर कमजोर स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों वाले देशों में सबसे तेज़ी से बढ़ रही है। यह रिपोर्ट 100 से ज़्यादा देशों में 2.3 करोड़ से ज़्यादा जीवाणु संक्रमणों के आंकड़ों पर आधारित है। 2018 और 2023 के बीच, 40% से ज़्यादा एंटीबायोटिक दवाओं ने रक्त, मूत्र मार्ग, आंत और प्रजनन प्रणाली को प्रभावित करने वाले सामान्य संक्रमणों के खिलाफ अपनी प्रभावशीलता खो दी।
एंटीबायोटिक दवाओं के Side Effects
एंटीबायोटिक्स जीवन रक्षक दवाएं हैं, लेकिन इनके इस्तेमाल से कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। ये हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। जैसे-
-दस्त (Diarrhea), कब्ज (Constipation), मिचली या उल्टी। पेट में गैस और पेट दर्द भी आम हैं।
-त्वचा पर दाने (Rashes), खुजली, सूजन। गंभीर मामलों में एनेफाइलेक्टिक शॉक भी हो सकता है।
-कुछ एंटीबायोटिक्स लिवर और किडनी पर दबाव डाल सकते हैं। लंबे समय तक इस्तेमाल से नुकसान हो सकता है।
-दवाओं का गलत या अनियंत्रित इस्तेमाल बैक्टीरिया को प्रतिरोधी बना सकता है।
-आंत में प्राकृतिक बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है।