मानवता की मिसालः गरीबों के लिए भगवान से कम नहीं डॉ. नूरी, इलाज के लिए लेती है महज 10 रु

punjabkesari.in Thursday, Apr 29, 2021 - 02:55 PM (IST)

कहते हैं कि भगवान हर जगह नहीं पहुंच सकता इसलिए उसने मां और डॉक्टर को बनाया। हालांकि आजकल लोगों ने डॉक्टरी को सेवा की बजाए पेशा बना लिया है और सिर्फ अमीरों ही नहीं बल्कि गरीबों से भी हजारों रूपए की फीस वसूलते हैं। हालांकि कुछ ऐसी मिसालें भी है जो मुफ्त में लोगों का इलाज करते हैं। उन्हीं में से एक हैं डॉ. नूरी परवीन, जो दवा व इलाज के नाम पर सिर्फ 10 रु कंसल्टेशन फीस चार्ज करती हैं। वह भी सिर्फ इसलिए ताकि कोई यह ना बोले कि हमें फ्री इलाज नहीं करवाना।

कौन है डॉ. नूरी परवीन?

28 वर्षीय डॉ. नूरी परवीन आंध्र प्रदेश, कडप्पा जिले की रहने वाली है और कई सालों से लोगों की मुफ्त दवा व इलाज कर रही हैं। मध्य वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली डॉ. नूरी ने M.B.B.S. की पढ़ाई करने के बाद ही लोगों की सेवा करने का फैसला ले लिया था। पढ़ाई पूरी करने की राह में उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हर मुश्किल का डटकर सामना किया।

कड़ी महेनत से किया MBBS

डॉ. नूरी माता-पिता को अपनी इंस्पिरेशन मानती हैं उन्होंने ना सिर्फ नूरी का सपना पूरी करने में साथ दिया बल्कि हर कदम पर उनके साथ भी खड़े रहें। डॉ. नूरी ने अपने माता-पिता को बताए बिना कडप्पा जिले में क्लीनिक खोला लेकिन जब उन्हें इसके बारे में पता चला तो वह बेटी के सोच पर काफी गर्व महसूस करने लगे। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए डॉ. नूरी किसी भगवान से कम नहीं है।

साल 2010 में क्लिनिक की शरुआत

उन्होंने साल 2010 में पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी क्लीनिंग खोला। जब उन्होंने देखा कि आर्थिक रूप से कमजोर लोग फीस के कारण अपना इलाज नहीं करवा पा रहे तो उन्होंने 10रु फीस लेना शुरू कर दिया। लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने लोगों की सेवा करना बंद नहीं किया। आमतौर पर उनके पास एक दिन में कम से कम 30-40 मरीज आ जाते हैं। जिन्हें क्लीनिक में भर्ती करने की जरूरत होती है वह उनसे 50रू फीस लेती हैं। उनके क्लीनिक में एक छोटी-सी लैब और फॉर्मेसी समेत सभी सुविधाएं मौजूद हैं।

कॉलेज टाइम में भी करती थी सोशल सर्विस

इतना ही नहीं, वह कॉलेज में पढ़ाई के दौरान भी अपनी दोस्त के साथ मिलकर ओल्ड एज होम्स व अनाथालयों में जाकर सोशल सर्विस करती थीं। लोगों का इलाज करने के अलावा वह एक N.G.O भी चलाती हैं। यही नहीं, उनकी पिता व दादी भी जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे रहते हैं।

उनका कहना है कि उन्होंने पैसा कमाने की बजाए लोगों की सेवा को अपना लक्ष्य बनाया है। वाकई, डॉ. की नूरी की यह सोच हर किसी के लिए मिसाल है।

Content Writer

Anjali Rajput