सारी उम्र दुखों से घिरी रहीं आंचल की जिंदगी पर हारने की बजाए बनी दूसरों का सहारा

punjabkesari.in Friday, Oct 04, 2019 - 02:11 PM (IST)

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही अक्सर लोग डर जाते हैं। अधिकतर कैंसर पैंशेट जीने की उम्मीद ही छोड़ देते है लेकिन कुछ लोग इसका डटकर सामना करते है और दूसरों के लिए मिसाल बनते हैं। ऐसी ही है दिल्ली की रहने वाली आंचल शर्मा।

आंचल शर्मा ने अपने जीवन में कई तरह के उतार चढ़ाव देखने के बाद भी कभी हार नही मानी और आज वह Meals Of happiness एनजीओ चला रही है। 35 साल की ब्रेस्ट कैंसर की सर्वाइवल आंचल शर्मा इस एनजीओ के तहत स्लम एरिया व सड़कों पर रहते बच्चों व परिवारों को खाना देती है। इस एनजीओ को चलाने का ख्याल आंचल के दिमाग में तब आया जब वह एक दिन अपना इलाज करवा कर वापिस आ रही थी। दरअसल, उन्होंने ट्रैफिक सिंग्नल पर कुछ बच्चों को भीख मांगते हुए देखा। तब उन्होंने उन्हें खाना खिलाया व घर आकर मां से बात कर रोज उनके लिए खाना बनाकर ले जाना शुरु किया। इस एनजीओ को चलाने के लिए आंचल अपनी सैलेरी का कुछ हिस्सा बचा कर रखती हैं। वहीं यह खाना उनके परिवार के सदस्य घर पर मिलकर बनाते है।

 

दूसरों के जीवन में आशा बनने वाली आंचल ने खुद जिंदगी में बहुत परेशानियों का सामना किया। चलिए आपको बताते है आंचल की लाइफ के बारे में..

 

आठवीं में ही छोड़ी पढ़ाई

आंचल के पिता एक आटो रिक्शा ड्राइवर थे। पिता का काम छूटने के बाद मां ने परिवार चलाने के लिए फैक्ट्ररी में काम शुरु किया। मां की मुश्किलों को देखते हुए आंचल ने आठवीं व उसके भाई ने नौवीं में ही अपनी पढ़ाई छोड़ काम करना शुरू कर दिया। भाई ने एक गैराज व आंचल ने एक रिस्पशनिस्ट के तौर पर नौकरी की।

बहन की मौत के बाद उसके पति को दिलाई सजा

आंचल ने एक रियल एस्टेट में एक ब्रोकेज के साथ काम करना शुरु किया। जब पैसे देने की बात आई तो उसने उनके ढाई लाख रुपए मार लिए। इसके बाद भी हिम्मत न हारते हुए आंचल ने दूसरी जगह काम किया। आंचल ने मेहनत कर अपनी छोटी बहन की शादी की लेकिन 5 महीने बाद दहेज के चलते ससुरालवालों ने उनकी बहन की हत्या कर दी। आंचल ने बहन को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी और उसके पति को सजा भी दिलाई।

पैसों के लिए ससुरालवालों ने किया आंचल को तंग

इसके बाद रिश्तेदारों व समाज ने आंचल की शादी का दबाव बनाना शुरु कर दिया। हालातों को देखते हुए परिवार वालों ने आंचल की शादी एक दिव्यांग व्यक्ति के साथ करवा दी। शादी के बाद ससुरालवालों ने उन्हें पैसों के लिए तंग करना शुरु कर दिया। एक दिन उन्होंने आंचल को इतना मारा की वह बेहोश हो गई। उसके बाद हिम्मत कर आंचल ने घरवालों के विरोद्ध जाकर तलाक ले लिया।

 

शुरु किया Meals Of happiness एनजीओ

बाद में उनकी मां काफी बीमार रहने लगी। फिर उन्होंने अपनी मां का इलाज करवाया। सभी का ख्याल रखते-रखते आंचल ने खुद पर कभी ध्यान नहीं दिया फिर अचानक एक दिन उन्हें पता लगता है कि वह ब्रेस्ट कैंसर की थर्ड स्टेज पर है, यह बात सुन कर हर कोई टूट जाता है लेकिन आंचल ने इसे भी खुशी से अपनाया। वह अपनी एक सहेली के साथ गई व अपनी सर्जरी करवाई। आंचल ने ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी का स्वागत भी अपने होठों पर मुस्कान के साथ किया। उन्होंने अपने ट्रीटमेंट के साथ अपनी रुटिन को नॉर्मल रखा। उसके बाद उन्होंने दूसरों के जीवन में रोशनी भरते हुए Meals Of happiness की शुरुआत की। इस समय वह अपने घर में वैडिंग रिटर्न पैकेजिंग का काम करती हैं।

Content Writer

khushboo aggarwal