पीली नहीं, काली हल्दी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद, कैंसर तक के इलाज में कारगार

punjabkesari.in Thursday, Jan 21, 2021 - 03:36 PM (IST)

आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर हल्दी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है यह तो सभी जानते हैं। मगर, हम आपको काली हल्दी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके फायदे जानकर आप भी इसका सेवन शुरू कर देंगे। कैंसर जैसे रोगों का काल काली हल्दी का सेवन कई बीमारीयों को जड़ से खत्म कर सकता है। चलिए आपको बताते हैं कि काली हल्के से सेहत को क्या-क्या फायदेमंद है।

IFS अफसर ने बताए काली हल्दी के फायदे

नाम भले ही काली हो लेकिन यह हल्दी दिखती नीली है। हाल ही में इंडियन फॉरेस्ट सर्विस अफसर स्वेता बोद्दू ने काली हल्दी की फोटो शेयर करते हुए कहा कि काली हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं और इसका इस्तेमाल कैंसर तक के इलाज में किया जाता है। लेकिन यह सामान्य हल्दी की तुलना में थोड़ी महंगी होती है। साथ ही उन्होंने लोगों को सुझाव दिया कि वे हाईब्रिड आइटम्स की बजाए लोकल आइटम्स यूज करें।

भारत में ही मिलती है काली हल्दी?

काली हल्दी के पौधे का वैज्ञानिक नाम Curcuma Caesia है, जो सिर्फ खाना पकाने ही नहीं बल्कि कई दवाइयों को रूप में भी इस्तेमाल की जाती है। मूल रूप से भारत में पाई जाने वाली हल्दी आमतौर पर पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्यप्रदेश, उत्तर-पूर्व व उत्तरप्रदेश में उगाई जाता है। 

याद रखें कि रोज 500 मि.ग्रा. से अधिक काली हल्दी का सेवन ना करें क्यों इससे एलर्जी और गॉल्ब्लैडर को नुक्सान हो सकता है। चलिए आपको बताते हैं इसके जबरदस्त फायदे...

कैंसर के इलाज में कारगार

चीनी चिकित्सा में काली हल्दी का इस्तेमाल कैंसर का इलाज करने के लिए किया जाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, नियमित इसका सेवन कोलन कैंसर का खतरा भी काफी कम करता है।

स्किन प्रॉब्लम्स

एंटी-बायोटिक गुणों से भरपूर काली हल्दी घाव, मोच, त्वचा में खुजली, लाल चकत्ते के लिए भी रामबाण है। इसे दूध में मिलाकर लगाने से आपको फायदा मिलेगा।

ऑस्टियोआर्थराइटिस से बचाव

यह जोड़ों में दर्द और जकड़न पैदा करने वाली बीमारी है, जो हड्डियों के आर्टिकुलर कार्टिलेज को नुकसान पहुंचाती है। वहीं, काली हल्दी में इबुप्रोफेन होता है, जो इससे बचाव में कारगार है।

पाचन व लिवर प्रॉब्लम्स

इसका सेवन पाचन और लिवर को डिटॉक्स करता है और अच्छे बैक्टीरिया का मात्रा भी बढ़ाता है, जिससे आप कई समस्याओं से बचे रहते हैं। इससे अल्सर की समस्या भी ठीक हो जाती है।

फेफड़े की बीमारियां

काली हल्दी अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों में सूजन, न्यूमोनिया, सूखी-गीली खांसी के लिए रामबाण औषधी है। इसके लिए हल्दी की गांठों को पीसकर दूध में मिलाकर पीएं।

सूजन कम करे

काली हल्दी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते है जो मालक्यूल को ब्लॉक करके सूजन घटाते हैं।

अनियमित पीरियड्स

दूध में काली हल्दी मिलाकर कुछ हफ्ते तक नियमित पीएं। इससे पीरियड्स से जुड़ी हर समस्या ठीक हो जाएगी।

Content Writer

Anjali Rajput