दाने-दाने के लिए मोहताज है देश की ये खिलाड़ी, पेट पालने के लिए मनरेगा में कर रही दिहाड़ी

punjabkesari.in Sunday, Jul 12, 2020 - 07:29 PM (IST)

देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी आज अपना पेट पालने के लिए दाने-दाने से मोहताज हुए पड़े हैं। इसी की एक उदाहरण है रोहतक जिले के इंदरगढ़ गांव की रहने वाली राष्ट्रीय वुशु खिलाड़ी शिक्षा जो कि इन दिनों इतने बुरे हालातों से गुजर रही हैं कि अपना पेट पालने के लिए उसे मजदूरी का सहारा लेना पड़ रहा है। शिक्षा की मनरेगा में कोई कॉपी नहीं बनी है इसी वजह से वो माता पिता की सहायता करती हैं और 2 वक्त की रोटी के लिए मजदूरी करती हैं। 

जीत चुकी हैं इतने मेडल

देश की झोली में 9 बार नेशनल, 24 बार स्टेट लेवल पर गोल्ड और सिल्वर और ब्रांज मेडल जीतने वाली शिक्षा आज खुद बहुत मुश्किलों से अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है। खबरों की मानें तो उसे पिछले 3 साल से खेल विभाग की तरफ से यही इंतजार है कि उसे कैश प्राइज मिलेगा लेकिन समय बीतता जा रहा है और उसे कोई पैसा नहीं मिल रहा है। 

डाइट मनी का नहीं हो पा रहा इंतजाम 

शिक्षा के अनुसार उनके घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं है और वो अपनी डाइट मनी के लिए अपने माता पिता के साथ 6 बजे ही काम पर लग जाती हैं ताकि उन्हें दो वक्त की रोटी नसीब हो सके। अगर शिक्षा को मनरेगा में काम नहीं मिलता है तो वो खेत में मजदूरी करने लग जाती है। 

सरकार से की नौकरी की मांग

आर्थिक हालात ठीक न होने के कारण शिक्षा ने सरकार से यही मांग की हैं कि उन्हें नौकरी दी जाए या फिर उन्हें कैश प्राइज मिलना चाहिए जिससे वो अपने घर का गुजारा कर सकें। 

मजदूरी कर बेटी को खेलने भेजा

वहीं शिक्षा की मां के अनुसार उन्होंने अपनी बेटी को खेलने भेजने के लिए कड़ी मेहनत की और मजदूरी कर उसे खेलने भेजा लेकिन सरकार ने न ही कोई पुरस्कार दिया और न ही कोई नौकरी।

Content Writer

Janvi Bithal