बच्चे के जन्म के बाद मां को आते हैं बुरे ख्याल, नेहा धूपिया भी झेल चुकी है इस बीमारी को
punjabkesari.in Tuesday, Dec 07, 2021 - 05:51 PM (IST)
क्या आप अक्सर दुखी रहती हैं और रोने की इच्छा होती है? क्या आपको खुद को नुकसान पहुंचाने का ख्याल आता है? यह सवाल अकसर उस महिला से पूछे जाते हैं जो मां बनने जा रही है। इस सवाल के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि कहीं आपको पोस्टपार्टम डिप्रेशन तो नहीं है। हर 4 में से 1 महिला इससे जूझ चुकी है। बॉलीवुड की बेबाक और निडर एक्ट्रेस नेहा धूपिया भी इस बीमारी का सामना कर चुकी है।
नेहा ने दी पूरी जानकारी
नेहा इसी साल दूसरी बार मां बनी हैं। हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि मां बनने के बाद उन्हें पोस्टपार्टम डिप्रेशन का सामना करना पड़ा था। उन्होंने बताया कि मुझे सेकेंड प्रेगनेंसी के दौरान पता था कि मैं किस ओर जा रही हूं और दूसरी बार पोस्टपार्टम डिप्रेशन को झेलना कैसा होगा। नेहा का कहना है कि बच्चा होने के बाद उसका ख्याल रखने से लेकर उसकी जरूरतों को देखने के चक्कर में मां सबसे ज्यादा नेगलेक्टेड इंसान बन जाती है। ऐसे में उसके आस पास रहने वालों को उसका ध्यान रखना चाहिए।
क्या है पोस्टपार्टम डिप्रेशन
यह समस्या करीब 20 से 70 प्रतिशत महिलाओं में होती है। शुरुआती स्तर पर इसे पोस्टपार्टम ब्लूज़ कहते हैं। इसमें महिला अपने बच्चे के लिए बहुत डर जाती है। उसे हर चीज़ में ख़तरा महसूस होने लगता है। कई बार वह बच्चे को किसी को हाथ भी नहीं लगाने देती।
इसके लक्षण
-मूड स्विंग
-उदासी
-चिड़चिड़ापन
-रोने की इच्छा होना
-बच्चे की हमेशा चिंता रहना
-भूख न लगना
-खाने की इच्छा न होना
-हद से ज्यादा थकान महसूस करना
पोस्टपार्टम डिप्रेशन होने के कारण
पहला कारण ये हो सकता है कि जिस तरह प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में काफी चेंज आता है, उसी तरह से बच्चे के जन्म के बाद भी महिला के शरीर में हार्मोन्स में काफी बदलाव आता है। इसमें एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरॉन, टेस्टोस्टेरॉन जैसे हार्मोन्स शामिल हैं जिसका सीधा असर महिला के व्यवहार पर पड़ता है इसके अलावा सामाजिक कारणों से भी महिला को तनाव हो सकता है. जैसे अगर बेटे की चाह हो और बेटी पैदा हो जाए तो इस वजह से भी तनाव हो सकता है। इसके अलावा बहुत सी महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर हो जाने या शरीर के प्रेग्नेंसी से पहले जैसा न रहने की वजह से भी तनाव महसूस करती हैं।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन का इलाज
-अगर लक्षण शुरुआती हैं तो दवाइयों की जरूरत नहीं
- प्रसव के बाद परिवार का सहयोग बहुत जरुरी
-उन पर अच्छी मां बनने का दबाव न डालें
-बच्चे की देखभाल करने में मदद करें
-उन्हें भावनात्मक सहयोग दें और धैर्य रखें