शिशु के फेस पर दाने निकल आएं हैं तो घबराएं नहीं, घर बैठें मिल सकता है इसका इलाज

punjabkesari.in Thursday, Nov 03, 2022 - 12:50 PM (IST)

जैसा कि आप सब जानते ही हैं कि बच्चों की त्वचा बेहद कोमल होती है। लेकिन कई बार उनके चहरे पर और अन्य बाॅडी पार्ट पर दाने निकल आते हैं। कुछ लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन ऐसा करना बिल्कुल भी ठीक नहीं हैं। अगर आप इन्हें समय रहते ठीक नहीं करेंगे तो ये बड़े फोड़े या फुंसी का रूप ले लेंगे जिससे आगे चलकर शिशु को परेशानी हो सकती है। खासतौर पर बदलते मोसम के कारण बच्चों में ये समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। ये दाने शिशु के फेस, गर्दन, पीठ कहीं पर भी निकल सकते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं बच्चें की त्वचा पर दाने क्यों निकलते हैं और क्या है इससे बचने के तरीके।

फुंसियां होने के कारण

कुछ मेडिकल कंडिशन्स के कारण भी शिशु को फुंसियां हो सकती हैं। जैसे कि साफ-सफाई की कमी, इम्‍यूनिटी कमजोर होना, शरीर में जरूरी पोषण की कमी, एनीमिया या आयरन की कमी, अधिक केमिकल वाले पदार्थ के उपयोग से त्‍वचा पर जलन और मौसम बदलने की वजह से भी एक्ने हो जाते हैं। बेबी एक्ने में बच्चे के चेहरे खासतौर पर गालों और मुंह के आसपास के हिस्सों में छोटे-छोटे लाल और सफेद रंग के दाने दिखाई देते हैं। कभी-कभी बच्चों के कंधे, पीठ और बाजुओं पर भी एक्ने हो सकते हैं और यह समस्या तेजी से स्किन के बड़े हिस्से पर धीरे-धीरे फैलने भी लगता है। 

कितने दिनों तक रहती हैं फुंसियां

फुंसी आने पर स्किन ऊपर उठ जाती है और फुंसी धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। एक सप्‍ताह के अंदर-अंदर इसमें पड़ने लग जाती है। हालांकि, शरीर खुद कुछ हफ्तों के अंदर इन्हें ठीक कर सकता है। अगर दो सप्‍ताह के बाद भी फुंसियां ठीक न हों, और इनके ठीक होने का कोई संकेत न मिले तो आपको डॉक्‍टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

घरेलू उपायों से ही घर में ठीक करें इन फुंसियों को

शहद: अगर आप फुंसी पर शहद को लगाएंगे तो उससे आराम मिल सकता है। शहद नैचुरल एंटीसेप्टिक का काम करता है।
मुलेठी: अगर फुंसियों में जलन हो रही है तो इन्हें मुलेठी और नागरमोथ के ठंडे पानी से धो लें।
हल्‍दी: हल्‍दी के पाउडर को फुंसियों पर लगाने से भी बहुत जल्द आराम मिलता है। हल्‍दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो फुंसी के बदाने का काम करते हैं।
लहसुन और प्‍याज का रस: यदि फुंसियां फट जाएं तो इन पर प्‍याज और लहसुन का रस लगाने से लाभ हो सकता है। इससे बैक्‍टीरिया खत्‍म होता है और स्किन नाॅर्मल हो जाती है।
नारियल तेल: अगर शिशु के सिर पर बहुत सारी फुंसियां हो गई हैं तो गर्मी इसकी वजह हो सकती है। ऐसे में एक्‍स्‍ट्रा वर्जिन कोकोनट ऑयल को फुंसी पर लगाएं। इस ऑयल में एंटीबैक्‍टीरियल और स्किन को मुलायम करने वाले गुण होते हैं जो फुंसी को ठीक करने में मदद करते हैं और बच्चें की त्वचा को फिर से कोमल बना देती है।

​डॉक्‍टर को दिखाना भी है जरूरी

अगर बच्‍चे को फुंसी होने के बाद बुखार आ जाए या फुंसी बढ़ती जाए और उनमें दर्द होने लगे, शिशु के चेहरे पर फुंसी निकल आएं या फिर दो सप्‍ताह के बाद भी फुंसी ठीक न हों, बार -बार फुंसी हो रही हो और शरीर के बाकी हिस्‍सों पर भी फैल रही हों, लिम्‍फ नोडस में सूजन आ जाए या फुंसी में पस भर जाए, तो इन सभी समस्याओं में डॉक्‍टर को दिखाना चाहिए। शिशु को फुंसी होने पर ज्‍यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि बच्‍चों में अक्‍सर यह समस्‍या देखी जाती है। शरीर अपने आप इसे ठीक कर लेता है। लेकिन अगर आपको इसमें कोई सुधार नहीं दिख रहा या यह शरीर के अन्‍य हिस्‍सों में भी फैल रहा है, तो यह किसी गंभीर समस्‍या का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में मेडिकल ट्रीटमेंट लेना बहुत जरूरी है।

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vasudha