हासिल की डबल MA की डिग्री, लड़ा विधानसभा चुनाव, फिर भी हरिद्वार में भीख मांग रही थी हंसी प्रहरी

punjabkesari.in Friday, Oct 23, 2020 - 02:34 PM (IST)

कब इंसान की जिंदगी में बुरा समय आ जाए कोई नहीं जानता... इस बात का अंदाजा लाॅकडाउन के दौरान आर्थिक स्थित का सामना कर रहे लोगों से बेहतर कोई नहीं लगा सकता। ऐसे ही बुरे दौर से गुजर रही हैं छात्रसंघ और विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हंसी प्रहरी। जो अपने पेट पालने के लिए हरिद्वार की सड़कों पर भीख मांग रही है। हंसी प्रहरी ने कुमाऊं विश्वविद्यालय से अंग्रेजी और राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री हासिल की है।

4 साल तक की थी लाइब्रेरियन की नौकरी 

हंसी प्रहरी अल्मोड़ा के रणखिला गांव की रहने वाली हैं। वह साल 1998-99 में उत्तराखंड के कुमाऊं विश्वविद्यालय के छात्र संघ की वाइस प्रेसिडेंट भी रह चुकी हैं। अंग्रेजी तथा राजनीति विज्ञान में डिग्री हासिल करने के बाद हंसी प्रहरी ने बतौर लाइब्रेरियन करीब चार साल तक कुमाऊं विश्वविद्यालय की सेंट्रेल लाइब्रेरी में नौकरी की थी। साल 2002 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव में सोमेश्वर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में हंसी प्रहरी ने 2650 वोट हासिल किए थे।

ससुराल से परेशान होकर हरिद्वार आ गई: हंसी

हंसी प्रहरी की जिंदगी अच्छी चल रही थी लेकिन 2011 के बाद उनकी लाइफ अचानक से बदल गई। खबरों की मानें तो हंसी हरिद्वार में साल 2012 के बाद से अपना और अपने 6 साल के बच्चे का पेट पालने के लिए भीख मांग रही हैं। उनकी एक बेटी अपनी नानी के साथ रहती है। हंसी प्रहरी का कहना है कि साल 2008 में वह ससुराल के कलह से परेशान होकर हरिद्वार आ गई थी। लेकिन वह शारीरिक रूप से कमज़ोर थी जिस वजह से नौकरी नहीं कर सकी और और रेलवे स्टेशन, बस अड्डे पर भीख मांगने लग गई।

मदद के लिए आगे आए लोग

मुश्किल से अपना और अपने बच्चे का पालन-पोषण कर रही हंसी की तरफ उस समय लोगों का ध्यान गया जब वह अपने बेटे को पढ़ा रही थी। वह अपने बेटे को अंग्रेज़ी बोलकर पढ़ा रही थी। जिसके बाद लोग उनकी मदद के लिए आगे आए। ऐसी खबर सामने आई है कि भेल स्थित समाज कल्‍याण आवास में हंसी को कमरा भी दिया गया है।

Content Writer

Bhawna sharma