एक धागे ने बदल दी थी सरोज खान की जिंदगी, स्कूल जाने की उम्र में बन गई थी मां
punjabkesari.in Friday, Nov 22, 2019 - 03:32 PM (IST)
मशहूर कोरियोग्राफर में से एक सरोज खान आज अपना 71वां जन्मदिन मना रही हैं। माधुरी दीक्षित से लेकर दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी तक, हर बड़ी अभिनेत्री को अपने डांस मूव्स पर नचाने वाली सरोज करीब 2000 से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ कर चुकी हैं। बता दें कि सुरोज की जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया था जब उन्हें कोई भी काम नहीं दे रहा था, मगर ऐसे में एक शख्स उनके लिए वरदान साबित हुआ जिसका नाम सलमान खान है। जी हां, सलमान ने जिंदगी के उस मोड़ पर सरोज खान को हौंसला दिया और कां देने का वादा किया जब सरोज का काम बिल्कुल ही बंद हो गया था। चलिए जानते है उनकी प्रोफेशन और पर्सनल लाइफ से जुड़ी कुछ बातें...
बहुत ही कम लोगों को मालूम है कि सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल है जो बचपन में विभाजन के बाद अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से भारत आ गई थी। सरोज ने महज 3 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्म नजराना में काम किया। 50 के दशक में सरोज ने बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करना शुरू कर दिया और ट्रेनिंग उन्होंने कोरियोग्राफर बी.सोहनलाल से ली। 1974 में रिलीज हुई फिल्म 'गीता मेरा नाम' से सरोज बतौर कोरियोग्राफर शुरूआत की लेकिन पहचान उन्हें लंबे समय बाद मिली। सरोज खान को सफलता मिस्टर इंडिया में श्रीदेवी के ऊपर फिल्माए गए गाने हवा-हवाई से मिली।
बात अगर उनकी पर्सनल लाइफ की करें तो वहीं बड़ी दुखों भरी रही। सरोज खान ने 13 साल की उम्र में इस्लाम धर्म कबूल कर ही अपने पहले डांस मास्टर यानी सोहनलाल शादी कर ली थी जोकि सरोज से उम्र में 30 साल बड़े थे। दरअसल, सरोज की यह शादी एक धोखा थी क्योंकि सरोज को उस वक्त मालूम ही नहीं था कि जिसको वो अपना हमसफर बनाने जा रही हैं, वो पहले से ही शादीशुदा और चार बच्चों का पिता था।
एक इंटरव्यू में सरोज ने अपनी शादी का किस्सा शेयर करते हुए कहा था कि 13 साल की उम्र में स्कूल जाया करती थीं और शादी के मायने नहीं जानती थी। एक दिन उनके डांस मास्टर सोहनलाल ने उनके गले में काला धागा बांध दिया था, जिसके बाद सरोज के घरवालो ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया और कहा कि अब यहीं तुम्हारा पति है। बस फिर क्या था स्कूल जाने की उम्र में ही सरोज बीवी बन गई। सरोज को पति की पहली पत्नी की जानकारी 1963 में हुई, जब उनके बेटे राजू खान का जन्म हुआ। बता दें कि जब सरोज पहली बार मां बनी तब उनकी उम्र महज 14 साल थी।
मगर सरोज के दुख भरी कहानी यहीं खत्म नहीं हुई, सोहनलाल ने सरोज के बच्चों को अपना नाम देने से इंकार कर दिया जिस वजह से सरोज ने अपनी राहें अलग कर ली। अलग होने के कुछ साल बाद ही सरोज के पति सोहनलाल को हार्ट अटैक आया और पति की ऐसी हालात देखकर सरोज खुद को रोक नहीं पाई और फिर उनके करीब आ गई। इसी दौरान सरोज ने एक बेटी कुकु को जन्म दिया लेकिन बेटी के जन्म के बाद सोहनलाल, सरोज की जिंदगी से कहीं गायब हो गए। बाद में सरोज की मुलाकात बिजनेसमैन सरदार रोशन खान से हुई जोकि पहले से शादीशुदा थे और दो बच्चे के पिता भी लेकिन उन्हें सरोज बेहद पसंद थीं जिस वजह से उन्होंने ना सिर्फ सरोज से शादी की बल्कि उनके बच्चों को भी अपना नाम दिया। बता दें कि रोशन की पहली पत्नी सरोज के साथ बहनों की तरह रहती थी जिसका खुलासा खुद उन्होंने एक इंटरव्यू में किया था।