हिम्मत को सलाम! 83 साल की महिला ने लुटेरे को सिखाया सबक, बहादुरी के लिए जीता वीरता अवार्ड

punjabkesari.in Thursday, Nov 12, 2020 - 06:03 PM (IST)

आज कल चोरी और लूट पाट के केस बहुत बढ़ गए हैं। जमाना इतना खराब है कि आप अकेले बाहर भी नहीं जा सकते हैं। वहीं लूटेरों को देख कर तो हर किसी में हिम्मत खत्म हो जाती है और लोग उन्हें देख कर ही घबरा जाते हैं। लेकिन कईं लोग ऐसे भी होते हैं जो इन लुटेरों के साथ भिड़ जाते हैं। हाल ही में एक ऐसा ही केस सामने आया। जहां 83 साल की महिला ने 28 साल के लुटेरे को अच्छी धूल चटा दी। हम जिस महिला की बात कर रहे हैं उसका नाम जून टर्नर है। 

इस वीरता के लिए जून को सम्मानित भी किया गया है। दरअसल जून हैनले प्रांत में स्टोर चलाती हैं। उनकी इस हिम्मत के चर्चे हर तरफ हो रहे हैं। इस पर टर्नर का कहना है  ,' ये मेरा पैसा है, तुम इसे नहीं ले जा सकते। इस वीरता के लिए उन्हें एम्प्लीफॉन अवार्ड फॉर ब्रेव बिटन्स दिया गया।' आपको बता दें कि यह अवार्ड हर साल दिया जाता है और उन लोगों को दिया जाता है जो अपने साहस का परिचय देते हैं। 

45 सालों से चला रही दुकान 

खबरों की मानें तो टर्नर 3 पोता पोतियों की दादी है। वह पिछले 45 सालों से ही दुकान चला रही हैं। खबरों की मानें तो लुटेरे को 2 साल की जेल हुई है। इस घटना की जो सीसीटीवी फुटेज सामने आई है उसमें टर्नर लुटेरों को लाठी से पीटती हुई दिख रही हैं। इस घटना पर टर्नर कहती हैं कि लुटेरों को उम्मीद नहीं थी कि मैं उसे मार सकती हूं।

नहीं सोचा था मिलेगा वीरता पुरस्कार 

टर्नर ने अपनी वीरता से और सूझ बूझ से लुटेरे को काबू किया। इस पर टर्नर कहती हैं कि लुटेरा भी मेरी फुर्ती देखकर हैरान रह गया। मैनें तो वो किया जो मुझे समय पर सही लगा हालांकि मैनें यह नहीं सोचा था कि इस काम के लिए मुझे कभी पुरस्कार मिलेगा। 

ऐसे की लुटेरे ने चोरी की कोशिश 

जून टर्नर की मानें तो लुटेरा आया और कहना लगा कि उसे वहां रखा पैसा चाहिए। इतना ही नहीं वह काउंटर से पैसे भी निकालने लगा। खून पसीने और दिन रात मेहनत करके कमाए इस पैसे को बचाने के लिए टर्नर के पास कोई दूसरा तरीका नहीं था इसलिए उन्होंने लुटेरे को अपनी लाठी से मारना शुरू कर दिया।

Content Writer

Janvi Bithal