समय पर 8 साल की बच्ची को रेबीज का इंजेक्शन न लगने पर हुई मौत
punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2019 - 12:19 PM (IST)
भारत में सरकार द्वारा स्ट्रीट डॉग्स की समस्या को खत्म करने के लिए लगातार कई तरह की मुहिम चलाई जा रही है, जिसमें लोगों को इनसे दूर रहने व अपनी सुरक्षा के प्रति जागरुक किया जाता है। इतना ही नही सरकारी अस्पतालों में फ्री व कम दामों में कुर्ते के काटने पर इंजेक्शन लगाने की सुविधा भी उपलब्ध है। वहीं आगरा में सरकार द्वारा शुरु की गई इस सुविधा के बाद भी जब 8 साल की एक बच्ची को इंजेक्शन नही लगा तो उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद सरकार द्वारा जांच के आदेश दे दिए गए है।
उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज में कुछ दिन पहले इमरजेंसी वार्ड के बाहर 8 साल की बच्ची की मौत हो गई। इसका कारण था कि उसे सही समय पर अस्पताल द्वारा इलाज नही दिया गया।
कुछ दिन पहले आगरा की बाह तहसील के एक गांव जरार में एक 8 साल की बच्ची अंजू को कुत्ते ने काट लिया था। उसके बादे उसके माता- पिता उसे कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर इंजेक्शन लगवाने के गए, लेकिन बच्ची का आधार कार्ड न बना होने के कारण उन्होंने इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया। अगले दिन जब पिता रामवीर आधार कार्ड बनवा कर लाए तो इंजेक्शन न होने के कारण उसका इलाज न हो सका।
इसके बाद रामवीर ने कई दिन तक अस्पताल के चक्कर काटे लेकिन इलाज नही हुआ, हालात गंभीर होने पर उसे सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज रैफर कर दिया गया। वहां पर रेबीज वायरस से इन्पेक्टेड होने के कारण अंजू को दिल्ली ले जाने की सलाह दी गई। रामवीर जो कि मजदूर थे उनके पास इतने पैसे नही थे कि वह अपनी बेटी को दिल्ली ले जा सके उन्होंने डॉक्टर्स को उसे वहीं इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करने को कहा, लेकिन डॉक्टर्स ने मना कर दिया।
अंजू की मां देवी काफी समय तक उसे गोद में लेकर इमरजेंसी वार्ड के बाहर बैठी रही लेकिन बच्ची का इलाज नही किया गया। उसी रात मां की गोद में अंजू ने अपना दम तोड़ दिया।
अस्पताल ने दी सफाई
वहीं अंजू के मामले में अस्पताल ने सफाई देते हुए कहा कि जब उसे अस्पताल लाया गया उसकी हालात काफी गंभीर थी। अस्पताल में ऐसे केस हैंडल करनी का अरेंजमेंट नही था। वहीं ऐसे केस में एंटी रेबीज वैक्सीन जल्द से जल्द से दिया जाना चाहिए था लेकिन अंजू को नही दिया गया, इसलिए उसका के बिगड़ गया।
बता दें कि सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज आगरा का काफा बड़ा अस्पताल है। यहां पर सीए, डिप्टी सीएस, हेल्थ विभाग के अधिकार कई बार दौरा कर चुके है। इतना ही नही अधिकारियों का यहां आना जाना लगा रहता है।