प्रेग्नेंसी में नींद ना आने से हैं परेशान तो फॉलो करें ये 8 टिप्स

punjabkesari.in Sunday, Jan 27, 2019 - 12:32 PM (IST)

गर्भधारण के दौरान पूरी नींद लेना उतना ही जरुरी है जितना शरीर के लिए पोषक तत्व। अच्छी नींद लेना मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। साथ ही इससे बच्चा स्वस्थ भी रहता है लेकिन हार्मोनल बदलाव व अन्य कारणों से महिलाएं प्रेग्नेंसी के समय पूरी व अच्छी नींद नहीं ले पाती। यदि आपको प्रेग्नेंसी के दौरान नींद ना आने की समस्या है तो आज हम आपको कुछ आसान टिप्स बताएंगे, जिससे आपकी यह समस्या दूर हो जाएगी।

 

प्रेग्नेंसी में नींद ना आने के कारण

प्रेग्नेंसी में नींद ना आने के सबसे बड़ा कारण है घबराहट। मां को केवल होने वाले बच्चे को लेकर ही घबराहत नहीं होती बल्कि उन्हें लेबर पैन का काफी डर होता है, जिससे चलते वह सही नींद नहीं ले पाती। इसके साथ ही पेट में दर्द, बैचेनी, पैरों में एठन, एसिडिटी, सीने में जलन, बार-बार पेशाब आना, तनाव, गलत पोजीशन और बच्चे के हिलने की वजह से महिलाएं अच्छी और पूरी नींद नहीं ले पाती।

प्रेग्नेंसी के हर तीन महीने बाद होता है नींद में बदलाव
पहला ट्राइमेस्टर स्टेज

शुरूआत के पहले तीन महीने सबसे मुश्किल होते हैं क्योंकि इसमें महिलाओं को नींद ही नहीं आती। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन शुरूआती महीनों में शरीर में प्रोजेस्टेरोन की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण उन्हें बार-बार यूरिन के लिए उठना पड़ता है।

 

दूसरा ट्राइमेस्टर स्टेज

प्रेग्नेंसी की दूसरी स्टेज में नींद थोड़ी बेहतर होने लगती है और गर्भवती महिला आराम से सो पाती हैं। यह इसलिए मुमकिन हो पाती है क्योंकि इस वक्त शरीर में प्रोजेस्टेरोन की मात्रा थोड़ी धीमी गति से बनती है, जिससे उन्हें बार-बार यूरिन के लिए नहीं उठना पड़ता और इसके कारण सीने में जलन व एसिडिटी की समस्या भी नहीं होती।

तीसरी ट्राइमेस्टर स्टेज

इन 3 महीनों में नींद आने की स्थित पहले से खराब हो जाती है और इस दौरान महिलाओं को ज्यादा समय जागकर गुजारना पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि इन महीनों में प्रोजेस्टेरोन की मात्रा काफी तेजी से बढ़ती है।

 

अच्छी नींद के लिए क्या करें
खान-पान पर दें ध्यान

अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो खान-पान का खास ख्याल रखें, खासकर रात के भोजन का। डिनर में मसालेदार या वसायुक्त भोजन न करें। इससे नींद नहीं आने की सम्भावना बढ़ जाती है।

थोड़ा-थोड़ा करके खाना खाएं

एक बार में ज्यादा खाना खाने से बदहजमी व कब्ज की शिकायत हो सकती है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप धीरे-धीरे और कम भोजन करें। आप अपने दिनभर के खाने को पांच या छः हिस्सों में बांट सकती हैं।

 

कैफीन युक्त पेय पदार्थों से बचे

कोशिश करें कि आप कैफीन युक्त पेय पदार्थ न लें। इस तरह के पेय पदार्थों को नजरअंदाज करने की कोशिश करें और खूब पानी पिएं। इससे आपको नींद भी अच्छी आएगी और बच्चा भी स्वस्थ रहेगा।

 

रोज सुबह करे व्यायाम

सिर्फ अच्छी नींद ही नहीं बल्कि स्वस्थ रहने के लिए भी प्रेग्नेंसी के दौरान व्यायाम करना बेहद फायदेमंद होता है। आप अपने डॉक्टर से सलाह लेकर रुटीन में हल्की-फुल्की एक्सरसाइज शामिल कर सकती हैं।

 

बदलें सोने का तरीका

प्रेग्नेंसी में बाएं करवट सोने से गर्भ, किडनी और यूट्रस तक रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। उल्टी तरफ सोने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। पेट को आराम देने के लिए आप पेट व पैरों के नीचे तकिया रख सकती हैं। इसके अलावा घुटनों और कमर को मोड़कर सोने से भी आपको अच्छी नींद आएगी।

गर्म पानी से करें स्नान

नहाने से पहले गर्म पानी में बाथ, मनपसंद गीत, पैरों व कमर की मसाज करें। इससे आपका नींद अच्छी आएगी। साथ ही सोते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि कमरे का तापमान सही हो।

 

तरल पदार्थ लें

ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ जैसे पानी, जूस आदि लें लेकिन सोने से कुछ देर पहले तरल पदार्थ न लें। इससे आपको रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना पड़ सकता है, जिससे नींद में खलल पड़ता है।

 

ना लें तनाव

तनाव और चिंता अच्छी नींद के दुश्मन हैं। इसके लिए गर्भवती महिला को हर समय खुश रहने का प्रयास करना चाहिए और परेशानी को दूसरों से शेयर कर लेना चाहिए।

Content Writer

Anjali Rajput