पहलगाम आतंकी हमले के बहाने 70 लाख की ठगी, मुंबई में बुजुर्ग MD बने डिजिटल अरेस्ट का शिकार
punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 10:04 AM (IST)

नारी डेस्क: मुंबई के परेल इलाके में एक चौंकाने वाला डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। ठगों ने 75 साल के वरिष्ठ नागरिक और आदित्य बिड़ला ग्रुप के पूर्व MD को फंसाकर 70 लाख रुपये ठग लिए। साइबर क्राइम विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है।
75 साल के बुजुर्ग को बनाया डिजिटल अरेस्ट का शिकार
ठगों ने पीड़ित को यह झूठा दावा करके फंसाया कि कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले की जांच में उनका नाम सामने आया है। बुजुर्ग MD को इस झूठे आरोप और गिरफ्तारी के डर से अपनी जीवनभर की कमाई में से 70 लाख रुपये ठगों द्वारा बताए गए खातों में ट्रांसफर करना पड़ा।
फर्जी कॉल में IPS और ATS का डर
आरके मार्ग पुलिस के अनुसार, 25 सितंबर को दोपहर करीब 3:57 बजे पीड़ित को महिला का कॉल आया। महिला ने खुद को विनीता शर्मा, एटीएस कंट्रोल रूम, नई दिल्ली की अधिकारी बताया। इसके बाद एक वीडियो कॉल आया जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को IG प्रेमकुमार गौतम बताते हुए IPS वर्दी में पेश किया। उन्होंने बुजुर्ग को गिरफ्तारी, बैंक अकाउंट सीज और पासपोर्ट ब्लॉक की धमकी दी और फिर उनकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे बैंक अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट, स्टॉक होल्डिंग्स और पत्नी की जानकारी भी ले ली।
फर्जी RBI नियम और 70 लाख की ठगी
ठगों ने बुजुर्ग MD को बताया कि उनके पैसों को पहले “व्हाइट मनी” प्रमाणित करना होगा। इस झांसे में आकर पीड़ित ने तीन अलग-अलग बैंक खातों में कुल 70 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने उन्हें व्हाट्सऐप पर फर्जी RBI अॅक्नॉलेजमेंट भी भेजा। इसके अलावा, ठगों ने उनके मोबाइल, पत्नी के मोबाइल और घर के कंप्यूटर को निगरानी में रखने की धमकी दी और किसी से संपर्क न करने के निर्देश दिए। इससे बुजुर्ग मानसिक तनाव में आ गए।
पुलिस ने शुरू की उच्च प्राथमिकता जांच
28 सितंबर को जब ठगों ने 1 करोड़ की फिक्स्ड डिपॉजिट ट्रांसफर करने का दबाव बनाया, तब बुजुर्ग को ठगी का शक हुआ और उन्होंने तुरंत आरके मार्ग पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज करवाई। मुंबई साइबर क्राइम विभाग ने मामले को उच्च प्राथमिकता पर लेकर जांच शुरू की। पुलिस ने ठगों के सभी व्हाट्सऐप संदेश, ऑडियो रिकॉर्डिंग और बैंक डिटेल्स जब्त कर लिए हैं। अब साइबर ट्रेल और बैंक ट्रांजैक्शन के जरिए आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
यह मामला हमें याद दिलाता है कि डिजिटल धोखाधड़ी किसी भी उम्र के व्यक्ति के लिए खतरा है। सावधानी, व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा और किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश से सतर्क रहना बेहद जरूरी है।