इस गांव में हर शख्स का है जुड़वा, ये हैं दुनिया की 7 सबसे अजीबगरीब जगह

punjabkesari.in Thursday, Aug 01, 2019 - 03:34 PM (IST)

भारत देश में ऐसे बहुत से गांव हैं जो अपने दामन में कई तरह के रहस्य छुपाए बैठे हैं। जो लोग घूमने-फिरने के साथ-साथ अपने इतिहास को जानने की इच्छा रखते हैं उनके लिए आज हम भारत के कुछ ऐसे गांव की सूची लेकर आएं हैं, जिनके बारे में शायद आपने पहले कभी न तो पढ़ा होगा और न ही सुना होगा। ऐसे गांव जो अपनी अलग-अलग विशेषताओं के कारण दूर-दूर तक जाने जाते हैं। 

कोडिन्ही गांव, केरल

दुनिया में कई तरह की अजीबोगरीब जगहें मौजूद हैं लेकिन अगर हम आपसे ये कहें कि एक ऐसी भी जगह है जहां सिर्फ जुड़वां लोग पैदा होते हैं.. तो क्या आप यकीन करेंगे? जी हां, पूरी दुनिया में 1000 बच्चों पर 4 जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं लेकिन इस रहस्यमयी गांव में 1000 बच्चों पर 45 बच्चे पैदा होते हैं। भारत के केरल प्रांत में स्थित इस मुस्लिम बहुल गांव की कुल आबादी 2000 है। इनमें से 250 से ज्यादा जुड़वां लोग हैं। ऐसे में आपको इस गांव में, स्कूल में और पास के बाजार में कई हमशक्ल बच्चे नजर आ जाएंगे।

शनिश्वार गांव, महाराष्ट्र

इस गांव की खास बात है कि यहां रहने वाले लोगों के घरों में कोई दरवाजा नहीं है। पशुओं से बचने के लिए बस बांस का हल्का सा दरवाजा रात को रख लिया जाता है। यहां आने वाले भक्त भी अपनी गाड़ियों को ताला नहीं लगाते। आजतक इस गांव में रहने वाले लोगों के घर में या फिर यहां के शनि मंदिर में माथा टेकने आए लोगों के साथ चोरी जैसी कभी कोई भी दुर्घटना घटित नहीं हुई।

मुत्तुर गांव, कर्नाटक

कर्नाटक के शिमोगा जिले में मात्तुर नाम का ऐसा गांव है जहां का बड़ों से लेकर सभी बच्चे संस्कृत में ही बात करता है। आज के इस समय में जहां मातृ भाषा हिंदी भी लुप्त होती जा रही है, ऐसे में शुद्ध संसकृत बोलने वाला गांव अपनी एक अलग पहचान लिए बैठा है। इस गांव में लगभग 500 परिवार रहते हैं, इस गांव में जाने पर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप रामयुग में प्रवेश कर चुके हैं।

सलारपुर खालसा गांव, यूपी

अमरोहा जनपद के सलारपुर खालसा गांव में करीब 35,000 से ज्यादा लोग रहते हैं और इन सभी का पेशा एक ही है और वो है खेती करना। यहां टमाटर की सबसे ज्यादा खेती होती है।करीब पिछले 17 साल से इस गांव में चल रही टमाटर की खेती का क्षेत्रफल लगातार फैलता ही जा रहा है। टमाटर की खेती से यहां पांच महीने में 60 करोड़ का कारोबार होता है।

मावलिनॉन्ग गांव, मेघालय

एशिया का सबसे साफ सुथरा गांव मेघालय में स्थित मावलिननॉन्ग गांव है। मेघालय के इस छोटे से गांव में प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इस गाँव के लोग घर से निकलने वाले कूड़े-कचरे को बांस से बने कूड़ेदान में जमा करते हैं और उसे एक जगह इकट्ठा कर खेती के लिए खाद के रूप में उपयोग करते है। गांव होने के बावजूद शहरों से अधिक साफ-सुथरा और सुंदर दिखने की वजह से लोग इसे दूर-दूर से देखना आते हैं।

कुलधरा गांव, जैसलमेर

कुलधरा गांव पिछले 170 साल से विरान पड़ा है। हंसते-खेलते 84 गांव के लोग अचानक बस एक ही रात में अपना घर, मकान, खेती, सब कुछ छोड़कर चले गए थे। अब यह गांव बस पर्यटकों के लिए घूमने-फिरने और प्राचीन जगहों को देखने के शौकीन लोगों के लिए एक टूरिस्ट अट्रेक्शन बनकर रह गया है।खुशहाल जीवन जीने वाले पालीवाल ब्राह्मणों पर वहां के दीवान सालम सिंह की बुरी नजर पड़ गई। सालम सिंह को एक ब्राह्मण लड़की पसंद आ गई और वह हर संभव कोशिश कर उसे पाने की कोशिश करने लगा। जब उसकी सारी कोशिशें नाकाम होने लगीं तब सालम सिंह ने गांव वालों को यह धमकी दी कि या तो पूर्णमासी तक वे उस लड़की को उसे सौंप दें या फिर वह स्वयं उसे उठाकर ले जाएगा। गांव वालों के सामने एक लड़की के सम्मान को बचाने की चुनौती थी। वह चाहते तो एक लड़की की आहुति देकर अपना घर बचाकर रख सकते थे लेकिन उन्होंने दूसरा रास्ता चुना और रातों रात सभी गांव वाले उस जगह को सदा के लिए छोड़कर वहां से चले गए।


मध्य प्रदेश का गांव देवड़ा

एक ऐसा गांव जहां दूध-दहीं मुफ्त मिलता है। आज के आधुनिक युग में जहां हर कोई अपनी-अपनी जिंदगी को संवारने में व्यस्त है वहीं मध्य प्रदेश के बैतू जिले में स्थित इस गांव में आज भी जरुरतमंद लोगों को मुफ्त दूध-दहीं उपलब्ध करवाया जाता है। यहां के इकलौते मंदिर के पुजारी बताते हैं कि उन्हें आज तक मंदिर के लिए दूध खरीदने की जरुरत नहीं पड़ी। शायद यही वजह है कि भगवान की अपार कृपा इन गांव वालों पर बनी हुई है।

Content Writer

Harpreet