60 प्रतिशत से अधिक डाॅक्टर मोटापे तो 40 प्रतिशत शुगर और हाई ब्लड प्रेशर से है परेशान: सर्वे

punjabkesari.in Friday, Jul 02, 2021 - 12:09 PM (IST)

भारत समेत कई देशों में अधिकतर लोग अपने मोटापे की वजह से परेशान है जिस वजह से वह अकसर सप्लीमेंट्स और वर्कआउट का सहारा लेते हैं। वहीं अगर स्वास्थ्य की बात आती है, तो डॉक्टर से बेहतर कोई नहीं जानता कि क्या सही है और क्या गलत। हालांकि, एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि हमारे स्वास्थ्य के द्वारपाल (डाॅक्टर) स्वयं उच्च जोखिम में हैं।

1,000 डॉक्टरों के स्वास्थ्य पर किए गए सर्वे में सामने आई चौंका देने वाली जानकारी-
डिजिटल थैरेप्यूटिक्स कंपनी फिटरफ्लाई द्वारा 1,000 डॉक्टरों के स्वास्थ्य और कल्याण पर किए गए सर्वेक्षण में पाया गया है कि 60 प्रतिशत से अधिक लोगों का बीएमआई अधिक वजन और मोटापे की श्रेणी में था, तो वहीं 6 प्रतिशत को मधुमेह था, 10 प्रतिशत को उच्च रक्तचाप (hypertension) था, और 5 प्रतिशत को मधुमेह और उच्च रक्तचाप था। 

अन्य सामान्य स्वास्थ्य स्थितियों में डिस्लिपिडेमिया (dyslipidemia) , जीआई डिसफंक्शन (GI dysfunction) , अस्थमा, पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome), गठिया, माइग्रेन और हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) शामिल हैं।

868 पुरुष और 132 महिला डॉक्टरों  पर किया गया सर्वें-
एंथ्रोपोमेट्री  (human body measurements) , चिकित्सा इतिहास, बीएमआई श्रेणी, शारीरिक गतिविधियों के स्तर का उपयोग करते हुए इस सर्वे में 868 पुरुष और 132 महिला डॉक्टरों को शामिल किया जिनकी आयु वर्ग 25- 60 के बीच है।  डॉक्टरों के साथ किए गए सर्वेक्षण में उनकी कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, वसा को ध्यान में रखा गया है।

सूक्ष्म पोषक तत्वों की गणना का भारत का सबसे बड़ा डेटाबेस है-
इन सभी डॉक्टरों ने फिटरफ्लाई वेलनेस ऐप में अपने भोजन और गतिविधि डेटा दर्ज किया। फिटरफ्लाई वेलनेस ऐप में विभिन्न आयु समूहों और स्वास्थ्य स्थितियों के लिए व्यंजनों और सूक्ष्म पोषक तत्वों की गणना का भारत का सबसे बड़ा डेटाबेस है।
 
सर्वें में केवल 22 प्रतिशत डॉक्टर ही शारीरिक रूप से सक्रिय- 
इसके अलावा, सर्वें में भी दर्ज किया गया था कि केवल 22 प्रतिशत डॉक्टर ही शारीरिक रूप से सक्रिय थे। अधिकांश डॉक्टरों में मैक्रोन्यूट्रिएंट्स - प्रोटीन, कार्ब्स और वसा की खपत का असंतुलन भी था। कम से कम 67%डॉक्टर वास्तव में कम प्रोटीन का सेवन कर रहे थे जैसा कि उनके दैनिक कैलोरी के 10% से भी कम प्रोटीन से प्रमाणित होता है, डॉक्टरों का एक खतरनाक रूप से उच्च प्रतिशत यानी 77% वसा की अनुशंसित मात्रा से अधिक खपत कर रहे थे, 

सूक्ष्म पोषक तत्वों के विश्लेषण के निष्कर्षों से पता चला है कि सर्वेक्षण में शामिल डॉक्टरों में से 10% से भी कम विभिन्न विटामिन और खनिजों जैसे जिंक, ओमेगा 3 और आयरन के अनुशंसित मूल्य का 75% मिले।

सर्वेक्षण ने यह भी संकेत दिया कि उनके स्वास्थ्य सूचकांक में योगदान देने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक दोषपूर्ण आहार संबंधी आदतें और व्यायाम व्यवस्था है। अनियमित काम के घंटे और लंबे दैनिक कार्यक्रम के परिणामस्वरूप चिकित्सा पेशेवर अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

डॉक्टर देश को बीमारियों से मुक्त रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं-
फिटरफ्लाई के सह-संस्थापक और सीईओ डॉ अरबिंदर सिंघल ने कहा कि डॉक्टर राष्ट्र के स्वास्थ्य के मशाल वाहक (torch-bearers)  होते हैं, जो आबादी को बीमारियों से मुक्त रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन, उनका व्यस्त कार्य शेड्यूल उन्हें अपने रोगियों को जो उपदेश देते हैं उसका अभ्यास करने की अनुमति नहीं देता है।

डाॅक्टर रोगियों के साथ खुद के भी स्वास्थ्य की देखभाल करे-
बैंगलोर के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के संस्थापक अध्यक्ष और नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. किशोर कुमार ने कहा कि  National Doctors Day पर हम अपनी चिकित्सा बिरादरी (medical fraternity) के स्वास्थ्य भागफल की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहते है, और उनसे आग्रह है कि अपने रोगियों के साथ खुद के भी स्वास्थ्य की देखभाल करे।


 

Content Writer

Anu Malhotra