कहीं आपका बच्चा डिप्रैशन का शिकार तो नहीं? जानें ये संकेत

punjabkesari.in Friday, Mar 30, 2018 - 06:31 PM (IST)

तनाव भरी जिंदगी में आज हर दूसरा व्यक्ति डिप्रैशन का शिकार है। डिप्रैशन एक बीमारी है, जो धीरे-धीरे व्यक्ति दूसरे से अलग कर देती है। कई डिप्रैशन के मरीज अपनी जान तक ले लेने को तैयार हो जाते है। यह समस्या केवल बड़ों में ही नहीं, बल्कि कम उम्र के बच्चों में भी दिखाई देती है। डिप्रैशन एक बीमारी है, जो धीरे-धीरे व्यक्ति दूसरे से अलग कर देती है। कई डिप्रैशन के मरीज अपनी जान तक ले लेने को तैयार हो जाते है। वैसे तो डिप्रैशन में कई लक्षण देखने को मिलते है लेकिन आज हम आपको टीनएजर में दिखने वाले कुछ लक्षण बताएंगे, जिनसे पता चलता है कि बच्चा डिप्रैशन का शिकार हो रह है। पेरेंट्स इन लक्षणों को पहचानकर तुंरत कोई एक्शन लें। 

 

1. किसी काम में मन न लगना


डिप्रैशन के शिकार बच्चे में दिखने वाला यह पहला और मुख्य लक्षण है। अक्सर बच्चे का मन उसकी फेवरेट एक्टिविटी में न लगें और वह उदास बैठा रहे तो समझ जाए कि कुछ गड़बड़ है। ऐसे में अपने बच्चे के साथ इस बारे में खुलकर बात करें।

 

2. अच्छी नींद न लेना
डिप्रैशन के कारण नींद पूरी तरह प्रभावित होने लगती है। अगर आपका बच्चा भी ठीक से नींद नहीं ले पाता और देर रात बैठकर कर गुजार देता है तो यह डिप्रैशन का लक्षण हो सकता है। पेरेंट्स बच्चे में दिखने वाले इस लक्षण को अनदेखा न करें। 

 

3. सोशल इंटरेक्शन में कमी


वैसे तो कुछ बच्चे बचपन से ही अपने आप में मस्त रहते है लेकिन अगर आपका बच्चा बचपन से ही मिलनसार है और उसके दोस्त भी कई है परन्तु वह उन दोस्तों से अचानक दूरी बना ले और अकेले रहने लगे तो समझ जाए कि आपका बच्चा डिप्रैशन में जा रहा है। 

 

4. सुसाइड से जुड़ी बातें करना
अगर आपका यंग बच्चा अचानक से सुसाइड की बातें करने लगे और इससे जुड़ी बातों में अधिक इंटरेस्ट दिखाने लगे तो जितनी जल्दी हो सके उसे किसी मनोचिकित्सक के पास लेकर जाए या उसका हमेशा अपने साथ रखे। 

 

5. खानपान में बदलाव
अगर बच्चा जरूरत से ज्यादा या खाना बहुत ही कम कर दे तो उसकी इस बात को नजरअंदाज न करें। अपने बच्चे से खुलकर इस विषय में बात करें और उसके तनाव की वजह जानने की कोशिश करें।

 

6. अति-संवेदनशील


टीनएजर बच्चा अगर बात-बात पर चिड़ने लगे और पेरेंट्स से कहने लगे कि आप मुझसे प्यार नहीं करते, आपके पास मेरे लिए टाइम नहीं है तो बच्चे की इस बात को हंसी में न डालें क्योंकि यह डिप्रैशन का संकेत हो सकता है। 

Punjab Kesari