भारतीय सेना में अब नारी शक्ति का जलवा: पहली बार 5 महिला अफसर बनीं कर्नल

punjabkesari.in Friday, Aug 27, 2021 - 01:09 PM (IST)

आज के आधुनिक जमाने में महिला सशस्तीकरण पहले से और मजबूत होती दिखाई दे रही हैं। आज की महिलाएं सिर्फ घर परिवार को संभालने तक ही सीमित नहीं रही बल्कि हर फिल्ड में उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। व्यावसायिक क्षेत्र से लेकर पारिवारिक तक महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि वे हर वो काम कर सकती हैं जो कभी पुरुषों के योग्य समझा जाता था। 

जी हां अब डॉक्टर, इंजीनियर साइंटिस्ट के बाद भारतीय सेना में भी नारी शक्ति अपना जलवा दिखाएंगी। इतना ही नहीं भारतीय सेना में पहली बार 5 महिला अधिकारी कर्नल रैंक पर प्रमोट की गई है। गणना योग्य सेवा के 26 साल पूरे होने पर यह फैसला लिया गया है। और ऐसा पहली बार हुआ है कि कोर ऑफ सिग्नल, कोर के साथ सेवारत महिला अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक और मेकेनिकल इंजीनियर्स और कोर ऑफ इंजीनियर्स को कर्नल के पद पर महिलाओं को प्रमोट किया गया हो।

PunjabKesari

इससे पहले कर्नल के पद पर आर्मी मेडिकल कोर, जज एडवोकेट जनरल, सेना शिक्षा कोर में महिला अधिकारियों के लिए लागू था। यह फैसला भारतीय सेना के जेंडर न्यूट्रल दृष्टिकोण को दिखा रहा है।

ये हैं भारत की पांच  कर्नल महिलाएं
कर्नल टाइम स्केल रैंक के लिए चुनी गई पांच महिला अधिकारियों में कोर ऑफ सिग्नल से लेफ्टिनेंट कर्नल संगीता सरदाना, ईएमई कोर से लेफ्टिनेंट कर्नल सोनिया आनंद, लेफ्टिनेंट कर्नल नवजीत दुग्गल, और कोर ऑफ इंजीनियर्स से लेफ्टिनेंट कर्नल रीनू खन्ना के साथ-साथ लेफ्टिनेंट कर्नल रिचा सागर का नाम शामिल है।

PunjabKesari

कैसे बनते हैं सेना में कर्नल ?
बता दें कि लेफ्टिनेंट कर्नल तब तक कर्नल नहीं बनता है जब तक कि कोई वर्तमान कर्नल रिटायर न हो, या फिर उसे ब्रिगेडियर के तौर पर प्रमोट न किया जाए। ऐसे में 26 साल की गणना सेवा के बाद समय-समय पर कर्नल बन जाते हैं, ऐसे में उनकी रैंक क कर्नल टीएस की होती है।

दुश्मनों के खिलाफ मोर्चा संभालने के लिए अब सेना में दिखेंगी जाबांज महिला सैन्य अधिकारी
वहीं बता दें कि इससे पहले भारतीय सेना ने सरहद पर दुश्मन के खिलाफ मोर्चा सम्भालने के लिए अब सेना में जाबांज महिला सैन्य अधिकारियों की संख्या पहले से भी ज्यादा बढ़ा दी है। भारतीय सेना के सेलेक्शन बोर्ड ने सेना में 147 और महिला ऑफिसर्स  के परमानेंट कमीशन को हरी झंडी दी है। इसके के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सेना में स्थायी कमीशन पाने वाली महिला अधिकारियों की संख्या बढ़कर 424 हो गयीं है।

PunjabKesari

NDA में अब लड़कियां भी दे पाएंगी एग्जाम 
तो दूसरी तरफ अब NDA में लड़कियों को भी परीक्षा देने का मौका मिलेगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में नेशनल डिफेंस अकेडमी में लड़कियों के परीक्षा देने की इजाजत दे दी है।  बता दें कि 5  सितंबर को एनडीए की प्रवेश परीक्षा होनी है। 

इस पर वकील कुश कालरा याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि महिलाओं को ग्रेजुएशन के बाद ही सेना में आने की अनुमति है, उनके लिए न्यूनतम आयु भी 21 साल रखी गई है, जबकि लड़कों को 12वीं के बाद ही एनडीए में शामिल होने दिया जाता है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anu Malhotra

Related News

static