सिर्फ कोरोना ही नहीं, गले को जकड़ सकती हैं ये 5 समस्याएं

punjabkesari.in Wednesday, Jul 29, 2020 - 03:38 PM (IST)

कोरोना ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। दिन प्रति दिन भारी मात्रा में लोग इसकी चपेट में आ ररहें हैं। इसके मुख्य लक्षण सर्दी-जुकाम की तरह ही पाएं गए हैं। ऐसे में बहुत से लोगों को गले में थोड़ी- बहुत खराश, जलन, दर्द या जकड़न होने की परेशानी में वे तुरंत उसे कोरोना समझ कर डरने लगते हैं। मगर जरूरी नहीं है कि गले से जुड़ी कोई समस्या होना कोरोना ही है। इसके पीछे कोई और समस्या भी हो सकी है, जो मानसून के महीने में आम होती ही है। तो चलिए जानते है इन परेशानियों के बारे में विस्तर से...

फ्लू

इस मौसम में सामान्य कोल्ड की तरह बहुत से लोगों को फ्लू की भी समस्या होने लगती है। इसमें व्यक्ति को गले में असहनीय दर्द, जलन, जकड़न और खाना निकलने में परेशान होने लगती हैं। इसके अलावा फ्लू के दौरान व्यक्ति में बुखार, ठंड लगना, सिर में निरंतर दर्द रहना, थकावट रहना आदि लक्षण दिखाई देते है। आमतौर पर अच्छे से आराम करने से इस परेशानी से राहत मिल जाती है। ऐसे में फ्लू के दौरान व्यक्ति को घर पर ही रहना चाहिए। साथ ही खाने में हल्का- फुल्का भोजन जैसे कि सब्जियों को सूप, दाल का पानी, चिकन सूप और कम मसालेदार भोजन खाना चाहिए। इसके साथ ही ठंडा पानी पीने की जगह समय-समय पर गर्म पानी या ग्रीन- टी का सेवन करना चाहिए। मगर 5-6 दिनों तक कोई सुधार न मिलने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। 

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कॉमन कोेल्ड

मानसून के महीने में वायरल इंफेक्शन होने का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। ऐसे में सभी को सामान्य तौर पर सर्दी-जुकाम, खांसी आदि होती है। इसके कारण गले में जकड़न, दर्द, जलन व सूजन होती है। ऐेसे में यह परेशानी कॉमन कोल्ड की वजह से ही होती है। इसके अलावा कॉमन कोल्ड में नाक का बहना, छींके आना, खांसी की शिकायत होना आदि लक्षण नजर आते है। इस परेशानी से राहत पाने के लिए आप गर्म पानी का सेवन या उसमें थोड़ा नमक मिलाकर गरारे कर सकते है। इसके अलावा हर्बल व ग्रीन- टी भी पी सकते है। इससे जल्दी ह आराम मिलेगा। 

एसिड रिफलक्स

यह एक ऐसी समस्या है जिसमें गले के खराब होने के साथ सीने में जलन, दर्द और चुभन की परेशानी होती है। इस समस्या के होने का मुख्य कारण ज्यादा मसालेदार और तीखा भोजन करने के तुरंत बाद सो जाना, चाय या कॉफी का सेवन करना आदि होेता है। इस परेशानी में पेट में खाने को पचाने के लिए बनने वाले एसिड निकलकर गले और छाती पर पहुंच जाते हैं। ऐसे में इसे सही खानपान और डॉक्टर की सलाह से दवाई खाकर इस परेशानी से राहत मिल सकती है।

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स्ट्रेप थ्रोट 

यह गले में होने वाली एक इंफेक्शन है जो Streptococcus नाम के बैक्टीरिया के कारण होती है। बात इसके लक्षणों की करें तो इसमें गले में दर्द, खराश, भोजन को निगलने में दिक्कतें होने के साथ गले के पिछले भागमें जलन महसूस होती है। यह सामान्य कोल्ड और फ्लू की तरह ही फैलने वाली इंफेक्शन है जो मानसून के महीने में बहुत से लोगों को अपनी चपेट में लेती है। बात इस समस्या के लक्षणों की करें तो इसमें ठंड लगना, अचानक से बुखार होना, मांसपेशियों और सिर में निरंतर दर्द रहना, भूख कम लगना आदि होते है। ऐसे में गर्म चीजों जैसे कि गर्म पानी, हर्बल-टी, सूप आदि का सेवन करना फायदेमंद होता है। इसके अलावा समस्या बढ़ जाने की स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। असल में तरह एक आदमी से दूसरे आदमी में फैलने वाली होती है, इसलिए इससे पीड़ित व्यक्ति को किसी के संपर्क में आने से बचना चाहिए।

टॉन्सिलाइटिस 

इस के कारण गले में मौजूद टॉन्सिल्स में सूजन की शिकायत होती है। साथ ही ये लाल होकर पस से भर जाते है। सफेद चकत्ते आने लगते है। इस परेशानी में गले में दर्द, जकड़न, जलन और भोजन को खाने खासतौर पर निगलने में समस्या का सामना करना पड़ता है। वैसे तो यह समस्या 4-10 दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है। मगर कहीं यह ठीक न हो तो बिना देर लगाए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसके कारण मरीज को बुखार हो सकता है। मगर सर्दी-जुकाम वाला को लक्षण नहीं दिखाई देता है। 

ऐेसे में कहीं आपको सुबह उठते ही गले में खराश, दर्द, जलन आदि लक्षण महसूस होतो डरे न क्योंकि ये कोरोना वायरस नहीं बल्कि मानसून में होने वाली इंफेक्शन या आम वायरल है।
 


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Content Writer

neetu

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