ल्यूकेमिया के 6 सामान्य लक्षण पहचानकर तुरंत शुरू करें इलाज

punjabkesari.in Sunday, Dec 16, 2018 - 05:49 PM (IST)

ल्यूकेमिया एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों को ज्यादातर प्रभावित करती है। ऐसा नहीं है कि यह बड़ों को नहीं होती। अगर इस बीमारी के लक्षण पहचानकर तुरंत इलाज शुरू कर दिया जाए तो इसके ठीक होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। चलिए आज हम आपको ल्यूकेमिया व इसके सामान्य लक्षण के बारे में बताते है। 

क्या है ल्यूकेमिया की बीमारी?

ल्यूकेमिया एक प्रकार का ब्लड कैंसर है। इसमें शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या असामान्य रूप से बढ़ जाती है और इनका आकार भी बदलने लगता है जिस वजह से शरीर में स्वस्थ्य रक्त कोशिकाओं के विकास रूक जाता है। 

ल्यूकेमिया के प्रकार 

ल्यूकेमिया दो प्रकार होते हैं। एक तीव्र ल्यूकेमिया ( Acute Leukemia) और दूसरा दीर्घ ल्यूकेमिया (Chronic Leukemia )। तीव्र ल्यूकेमिया छोटे बच्चों को अधिक होता है और दीर्घ ल्यूकेमिया बड़ी उम्र के व्यक्तियों में देखा जाता हैं। 

त्वचा का बदला रंग

आमतौर पर ल्यूकेमिया की बीमारी में त्वचा का रंग पीला पड़ने लगता है, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते है। अगर आपका रंग भी पीला पड़ता दिखाई दे रहा है तो तुरंत डॉक्टर्स से सलाह लें।                      

हमेशा थकान रहना

वैसे तो काम करने के बाद थकान रहना आम है लेकिन जरूरत से ज्यादा थकान महसूस हो तो इसे अनदेखा करने की गलती न करें क्योंकि यह ल्यूकेमिया की बीमारी का भी संकेत है। 

बुखार रहना 

दरअसल, ल्यूकेमिया की बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है, जिस वजह से जल्दी-जल्दी फ्लू, बुखार और जुकाम होने लगता है। अगर आपको भी ऐसे लक्षण दिखाएं दे तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। 

जल्दी-जल्दी सांस लेना

आमतौर पर तेज दौड़ने या भारी काम करने से सांसे तेज चलने लगती है लेकिन बिना किसी वजह से सांस जल्दी-जल्दी लेनी पड़े तो यह ल्यूकेमिया की बामीर की तरफ इशारा करती हैं। ल्यूकेमिया में सांस लेने की प्रक्रिया बढ़ जाती है और सांसें नॉर्मल से छोटी हो जाती हैं। 

घाव भरने में देरी

यह भी ल्यूकेमिया का लक्षण है। घर आपको कोई घाव लगा है लेकिन उसे भरने में जरूरत से ज्यादा समय लग रहा है तो डॉक्टर से सलाह लेकर उचित उपचार कराएं।  

Content Writer

Sunita Rajput