योग से रहे निरोग: औरतों को हर बीमारी से बचाएंगे ये 5 आसन

punjabkesari.in Friday, Oct 08, 2021 - 02:00 PM (IST)

टीनएजर से लेकर औरत बनने तक महिलाओं को पीरियड्स, मेनोपॉज, प्रेगनेंसी जैसे कई पड़ावों से गुजरना पड़ता है। वहीं, शादी से पहले ऑफिस तो शादी के बाद घर की जिम्मेदारियां... इन सबके बीच महिलाएं अपनी सेहत को हल्के में ले लेती हैं, जिसके कारण उन्हें कभी ना खत्म होने वाली कमर व जोड़ दर्द, ना घटने वाला मोटापा या बैली फैट, हार्मोन्ल बदलाव जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

80% महिलाएं बीमारियों के घेरे में 

रिसर्च की मानें तो भारत में 80% महिलाएं हाई ब्लड प्रेशर, थयराइड, शुगर, पीरियड्स प्रॉब्लम्स, पीसीओडी जैसी किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त जरूर है। ऐसे में आपकी हर छोटी-बड़ी समस्या का एक ही समाधान है योगा।

दवा नहीं, योग है हर समस्या का हल

कुछ महिलाएं तो अपनी छोटी-मोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे सिरदर्द, कमर दर्द के लिए दवाओं का सहारा लेने लग जाती है, जो धीरे-धीरे उनकी आदत बन जाता है। वहीं, इससे लिवर को भी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में आप दवाओं की बजाए योग की मदद से ना सिर्फ छोटी-मोटी बल्कि कई समस्याओं से छुटकारा पा सकती हैं। 
योग एक ऐसी प्राचीन पद्धति है, जो मन, शरीर और आत्मा को लाभ प्रदान करती है।

चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासन बताते हैं जो कई बीमारियों का काल हैं...

सूर्यनमस्कार

सबसे पहले बात करते हैं सूर्यनमस्कार की जिसे योगासनों का राजा माना जाता है। इसे 12 स्टेप होते हैं, जिन्हें रोजाना 15-30  मिनट दोहराने से कई बीमारियां दूर रहती हैं। वहीं, अगर आप गुनगुनी धूप में यह योग करेंगी तो इससे विटामिन डी शरीर में ज्यादा अब्जॉर्ब हो पाएगा।

मार्जरीआसन (cat/cow pose)

मासिक धर्म के दर्द से पीड़ित हैं तो मार्जरीआसन या बिटिलासन का अभ्यास करें। यह मुद्रा मासिक धर्म के दर्द से राहत देगी। साथ ही यह रीढ़ को मजबूत करेगी और मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ाएगी।

वीरभद्रासन II

यह मुद्रा कंधों, छाती, पेट,  कोर, बाजू, भीतरी जांघों और कूल्हों को मजबूत बनाती है। साथ ही प्रेगनेंसी में यह योग करना बहुत फायदेमंद होता है। इससे पीरियड्स प्रॉब्लम्स से भी राहत मिलती है।

कपालभाती

पीसीओडी को कंट्रोल करने के लिए कालभाति बेहद फायदेमंद योग है। कपालभाति एक ऐसी सांस की प्रक्रिया है जो सिर व मस्तिष्क की क्रियाओं को नई जान देती है। शुरुआत में इसे 30 बार और धीरे धीरे 100-200 तक करें।

अनुलोम-विलोम

अनुलोम-विलोम फेफड़ों में ऑक्सीजन व ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। इससे शरीर की कोशिकाओं व दिमाग को अधिक ऑक्सीजन मिलती है। इससे डिप्रैशन, माइग्रेन, सांस संबंधी दिक्कत, ब्लड प्रैशर और शुगर कंट्रोल में रहता है।

Content Writer

Anjali Rajput