इन 4 वायरस ने साल 2022 में मचाया हाहाकार, लोगों की हैल्दी रुटीन पर भी डाल गए असर

punjabkesari.in Tuesday, Dec 13, 2022 - 06:12 PM (IST)

बीते साल कोविड-19 महामारी ने दुनिया को बहुत प्रभावित किया है। चीन के वुहान शहर से शुरु होने इस वायरस के कारण लोग आजतक अपनी जिंदगी अच्छे से नहीं बिता पाए हैं। कोविड-19 को Sars-Cov-2 भी कहा जाता है। यह वायरस लगातार म्यूटेट होता रहा है। यह एक ऐसा वायरस था जिसे समझने के लिए वैज्ञानिकों को काफी समय भी लगा था। कोविड के बाद इस साल 2022 में इन 4 तरह के वायरसों ने लोगों को बहुत ही बुरी तरह प्रभावित किया तो चलिए आपको बताते हैं इनके बारे में....

टोमैटो फ्लू 

यह एक ऐसी बीमारी है जिसने बहुत से लोगों को चपेट में लिया था। खासकर बच्चों में यह बीमारी बहुत ही तेजी से फैली है। यह एक इंफेक्शन वाली बीमारी थी जिसके लक्षणों में सबसे पहले बुखार और फिर चेहरे पर लाल फफोले और दाने होते हैं। टोमेटो प्लू के लक्षणों की बात करें तो थकान, मितली, उल्टी, दस्त, बुखार,पानी की कमी, जोड़ों का दर्द जैसी समस्याओं का कई लोगों को सामना करना पड़ा। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, जिन बच्चों की इम्यूनिटी पॉवर कमजोर थी वह टोमैटे फ्लू से बहुत ही जल्दी प्रभावित हुए। 

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जीका वायरस 

जीका वायरस के प्रति कई एडीज की कई प्रजातियां जिम्मेदार है। एडीज एल्बोपिक्ट्स और एडीज इजिप्टी से जीका वायरस फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। इस बीमारी में मलेरिया और बुखार के मिले-झुले लक्षण दिखते हैं। बुखार, आना, त्वचा पर रैशेज, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द  होना, सिर में दर्द होना और उल्टी जीका वायरस जैसे लक्षण दिखते हैं। जीका वायरस का पहला केस केरल में पाया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अब तक करीबन 86 देशों में मच्छरों के करण फैलने वाले जीका वायरस के मामलों की भी पुष्टि हो गई है। 

जॉम्बी वायरस 

एक्सपर्ट्स के अनुसार, जॉम्बी वायरस अमीबा जैसे छोटे-छोटे वायरसों से जुड़ा हुआ हो सकता है। यह वायरस अमीबा के संक्रमण का कारण बन सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह वायरस कभी जानवरों और पेड़-पौधों में भी संक्रमण का कारण बन सकता है। इंसानों को इस वायरस को लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं है क्योंकि यह इंसानों के लिए सीधे तौर पर संक्रामक नहीं है। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार, वायरस स्मॉलपाक्स के एक जेनेटिक स्ट्रक्चर के कारण होता है। वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि पहले यह बर्फ में दबा हुआ था, लेकिन बर्फ से पिघलने के बाद यह बाहर आ रहा है और पेड़-पौधों , जानवरों और पक्षियों में भी फैल सकता है। जिसके कारण यह आगे चलकर इंफेक्शन का भी खतरा बढ़ा सकता है। 

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मंकी पॉक्स 

मंकी पॉक्स ने भी इस साल पूरी दुनिया में दस्तक दी है। खासकर 1958 में यह वायरस बंदरों में पाया गया था। सबसे पहले इस वायरस का मामला 1970 में आया था। मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलता है। इस बीमारी को तो महामारी भी घोषित किया जा चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी को एमपॉक्स का नाम दिया था। यह चेचक की तरह होती है। पहली स्टेज में ही इस बीमारी के लक्षण नजर आने लगते हैं। संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिर में दर्द, थकान जैसी समस्याएं महसूस होने लगती हैं। इसके अलावा धीरे-धीरे बॉडी पर चकत्ते भी दिखने लगते हैं। इस साल इस वायरस ने भी लोगों में खौफ पैदा कर दिया था। 

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वायरसों ने दी जिंदगी की सीखें 

. इन वायरसों ने लोगों को उनकी सेहत के प्रति अलर्ट कर दिया है। 
. अच्छी सेहत के लिए सभी ने अच्छी डाइट का सेवन करना भी शुरु कर दिया है।
. इम्यूनिटी मजबूत बनाने के लिए सभी अपनी डाइट का खास ध्यान रखने लगे हैं। 

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. इसके अलावा बॉडी को एक्टिव रखने के लिए वॉक और बॉडी एक्टिविटी पर भी ध्यान देने लगे हैं। 


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palak

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