होलिका दहन पर बन रहे 3 राज योग, जानिए क्या है पूजा का खास महत्व?

punjabkesari.in Monday, Mar 09, 2020 - 11:32 AM (IST)

रंगो का सबसे खूबसूरत त्यौहार होली कल यानि 10 मार्च को पूरी दुनिया में धूम-धाम से मनाया जाएगा। होली से एक दिन पहले यानि 8 मार्च की रात होलिका दहन का खास रिवाज है। इस मौके पर भगवान नर सिंह और भक्त प्रहलाद को याद किया जाता है। बुराई पर अच्छाई की इस जीत को लोहड़ी के त्यौहार की तरह मनाया जाता है। लोग शुभ मुहुर्त को ध्यान में रखते हुए, घर के आंगन में या किसी बड़े ग्राउंड में लकड़ियां जलाते हैं, उसके बाद उस अग्नि के चक्र लगाए जाते हैं। होलिका दहन मान-सम्मान, पारिवारिक सुख और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इसे मनाते वक्त शुभ मुहूर्त का खास ध्यान रखा जाता है।

होलिका दहन पर बन रहा राजयोग

इस होलिका दहन पर कुछ ऐसे योग बन रहे हैं, जो आपको राजयोग तक दिला सकते हैं। आपके साथ-साथ देश के लिए भी यह होलिका दहन काफी शुभ साबित होगा। इस होलिका दहन के बाद देश की आर्थिक स्थिति में सुधार आने के चांसिस किए जा रहे हैं। आर्थिक स्थित सुधरने के अलावा देश की राजनीतिक और अंतराष्ट्रीय ताकत में भी वृद्धि होगी।

होली की पूजा कब और कैसे हो?

होली खेलने से पहले होलिका दहन के रुप में इसकी पूजा की जाता है। इस पूजन में अग्नि को साक्षी मान सभी लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रण लेते हैं। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहुर्त और कैसी करनी चाहिए होलिका पूजन...

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

-होलिका दहन तारीख- 9 मार्च 2020

-समय- 6:00 Pm से 8:27 Pm

भद्रा काल में नहीं करते होलिका दहन

अक्सर हर साल होलिका दहन के वक्त भद्रा काल का डर होता है, क्योंकि इस दौरान होलिका दहन की पूजा करने से रोग, शोक, दोष और विपत्ति का योग बन सकता है। मगर इस वर्ष यह योग दोपहर 1 से 2 के बीच बन रहा है।

पूजा का महत्व

होलिका दहन का खास महत्व घर और जीवन में सुख-शांति, सुख-स्मृद्ध और संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। लकड़ी के साथ-साथ कुछ कांटेदार झाड़ियों का भी इस पूजन में इस्तेमाल किया जाता है। होलिका दहन में जौ और गेहूं के पौधे डाले जाते हैं। होलिका दहन की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करने से जीवन में सुख-समृद्धि और रौनक दौड़ी चली आती है। 

Content Writer

Harpreet