स्लिम होने की चाहत ने ले ली जान, 150 kg के लड़के की वजन कम करने की सर्जरी के दौरान मौत
punjabkesari.in Thursday, Apr 25, 2024 - 05:41 PM (IST)
पिछले कुछ समय से मोटापा कम करने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी का सहारा लिया जा रहा है। इसकी मदद से ज़रूरत से ज़्यादा वज़न से छुटकारा मिल जाता है। हालांकि इस सर्जरी के चलते एक शख्स ने अपनी जान गंवा दी। सर्जरी के दौरान पैदा हुईं कथित जटिलताओं के कारण पुडुचेरी के एक युवक की निजी अस्पताल में मौत हो गई जिसके बाद तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग ने जांच का आदेश दिया है।
अस्पताल की लापरवाही से गई युवक की जान
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुथियालपेट निवासी 26 वर्षीय युवक का वजन 150 किलोग्राम था और उसे 21 अप्रैल को पम्माल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लड़के के पिता सेल्वानाथन ने बताया कि उनके बेटे को अगले दिन मेटाबोलिक और बैरियेट्रिक सर्जरी के लिए ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया। सेल्वानाथन ने पम्मल के शंकर नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने शिकायत में कहा कि सर्जरी शुरू होने के कुछ मिनट बाद उनके बेटे के शरीर में जटिलताएं पैदा होने की बात कही गई और उपचार के लिए दूसरे निजी अस्पताल ले जाया गया।
उपचार के दौरान युवक की मौत
शिकायत के अनुसार 23 अप्रैल की रात को अस्पताल ने सूचित किया कि उनके बेटे को सीने में दर्द की शिकायत के साथ लाया गया था और उपचार के बावजूद उसकी मौत हो गई। सेल्वानाथन ने मोटापा कम करने के लिए सर्जरी शुरू करने वाले डॉक्टर के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है जिसकी वजह से उनके बेटे की मौत हो गई। इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने घटना की जांच के लिए दो संयुक्त निदेशकों के तहत एक समिति बनाई है और उसे दो दिन में रिपोर्ट जमा करने को कहा है।
क्या होती है बैरिएट्रिक सर्जरी
गैस्ट्रिक बाईपास और अन्य वजन घटाने वाली सर्जरी को बेरिएट्रिक सर्जरी के रूप में जाना जाता है। यह सर्जरी तब की जाती है, जब एक स्वस्थ आहार और व्यायाम से भी व्यक्ति अपना वजन कम नहीं कर पाता है या जब कोई ज्यादा वजन के कारण मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होता है। बैरिएट्रिक सर्जरी कराने वाले ज़्यादातर मरीज़ों में शरीर का वज़न निरंतर कम होने लगता है।
इस उम्र के लोगों के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी सुरक्षित
बैरिएट्रिक सर्जरी को एक सुरक्षित प्रक्रिया माना जाता है । यह लैप्रोस्कोपिक रूप से (बिना चीरा लगाए) किया जाता है और दर्द रहित होता है। सर्जरी के 4-5 घंटे के भीतर रोगी चलना शुरू कर देता है और सर्जरी के 8-10 घंटे के अंदर मरीज़ खाने-पीने भी लगता है। हालांकि 35 और उससे अधिक उम्र वाले व्यक्तियों को बैरिएट्रिक सर्जरी का सुझाव दिया जाता है, ऐसे में 26 साल के युवक की सर्जरी कई तरह के सवाल खड़े कर रही है।