102 साल की वीणापाणि देवी ने कोरोना को हराया वो भी इन घरेलू नुस्खों से!

punjabkesari.in Saturday, May 08, 2021 - 03:13 PM (IST)

कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जहां लाखों लोग अब तक अपनी जान गंवा चुकें हैं वहीं काफी लोग इस संक्रमण से ठीक भी हो चुकें हैं। डाॅक्टर के अनुसार, अगर इस बिमारी में हम अपने खान-पान से लेकर एक्सरसाईज़ और योगा पर ध्यान दें तो इस बिमारी से निजात पाया जा सकता हैं। ऐसी ही एक मिसाल भागलपुर की 102 वर्षीय वीणापाणि देवी ने दी हैं। जिन्होंने अपनी हैल्थी डाइट को फाॅलो कर कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी को मात दी। 
 

दरअसल,  भागलपुर  के मशाकचक की रहने वाली वीणापाणि देवी कोरोना संक्रमित हो गई थीं। जांच के बाद 15 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के साथ ही उन्होंने खुद को घर में ही आइसोलेट कर लिया और अपने दृढ़ निश्चय से कोरोना को पराजित कर स्वस्थ हो गईं।
 

बिमारी में सूर्य नमस्कार और मॉर्निंग वॉक को बनाया सहारा-
वीणापाणि देवी के पोते डॉ. ऋषि आनंद ने बताया कि उनकी दादी कोरोना पॉजिटिव हो गई थीं। लगातार उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा था, लेकिन वे घबराई नहीं। लगातार व्यायाम, एक निश्चित समय पर भोजन, काढ़ा आदि लेती रहीं। सुबह उठते ही सबसे पहले वह सूर्य नमस्कार करती फिर घर की छत पर ही मॉर्निंग वॉक करती थीं।



 

इन घरेलु नुस्खे से दादी ने बढ़ाई अपनी इम्यूनिटी- 
आनंद ने बताया कि दादी पहले भी नियमित योग करती रहतीं थीं। बीमार होने पर भी योग नहीं छोड़ा। ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए उन्होंने पेट के बल लेट मकरासन से लेकर अन्य कई व्यायाम किए। गिलोय, आंवला, तुलसी सहित काढ़ा का लगातार सेवन करती रहीं, जिससे उनकी इम्यूनिटी अपने आप धीरे-धीरे बढ़ती गई।
 

रोज़ दूध में हल्दी डालकर पीतीं -
वहीं पारिवारिक मेंबर ने बताया कि दादी शुद्ध शाकाहारी हैं। उनका भोजन बिल्कुल सादा है। मुख्य रूप से सादी रोटी और हरी सब्जियां खाती हैं। रात में दूध में हल्दी डालकर नियमित रूप से पीती रहीं, जिस वजह से उन्हें स्वस्थ होने में काफी मदद मिली। योग के नियमानुसार सुबह के 7 बजे तक नाश्ता, दोपहर 2 बजे और रात के 8 बजे तक भोजन करती थीं। हर दिन उनका भोजन का एक निश्चित समय रहा है और बीमार पड़ने के बाद भी उनका भोजन नियमित रहा।

वहीं कोरोना को मात देने वाली 102 वर्षीय वीणापाणि देवी ने बताया कि इंसान अगर अपनी सोच पॉजिटिव रखे तो कोरोना क्या, हर गंभीर बीमारी और कठिन परिस्थितियों से लड़ा जा सकता है।

Content Writer

Anu Malhotra