औरतों के लिए बेस्ट हैं ये 10 योगासन, हर किसी का है अलग फायदा

punjabkesari.in Thursday, May 30, 2019 - 02:17 PM (IST)

बिजी शेड्यूल के कारण अक्सर महिलाएं अपनी फिटनेस पर ध्यान देना भूल जाती है जिस वजह से उन्हें अक्सर मोटापे, कमर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पेट संबंधी शिकायत रहती हैं। अगर आपको भी हैल्थ से जुड़ी इन छोटी-मोटी प्रॉब्लम रहती हैं तो आप योग का सहारा लें। आज हम आपको कुछ ऐसे ही 10 योगासन बताएंगे जिनको आप घर पर आसानी से कर सकती हैं और खुद को फिट रख सकती हैं। 

 

नौकासन योग- मोटापा घटाएं 

पहले आकाश की ओर मुंह कर के पीठ के बल सीधे लेट जाएं। हाथों को सीधा कमर से सटा कर रखें, और अपनी हथेलियों को ज़मीन की और रखें। अब धीरे धीरे अपनी गर्दन ऊपर उठाएं और उसी समान अपने पैर भी उठाएं और एक नौका का रूप लें। इसी मुद्रा में करीब 25 से 30 सेकंड बने रहें। इस आसन को करने से वजन कंट्रोल में रहता हैं और चर्बी तेजी से बर्न होती है। 

कपालभाति प्राणायाम- मोटापा व अस्थमा में राहत 

इस आसन को करने से मोटापा दूर होता है और सांस और पेट संबंधी बीमारियां भी ठीक रहती हैं। इसके अवाला यह बालों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है। इससे स्किन डिजीज भी दूर रहती हैं। अगर डार्क सर्कल्स की समस्या है तो भी इस आसन को अभ्यास आपके लिए अच्छा होगा। ध्यान रहें कि इस आसन को केवल सुबह के समय ही करें। 

अनमोल विलोम प्राणायाम- बीपी कंट्रोल

इसको रोजाना लगातार करने से बीपी कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा इससे अस्थमा, सर्दी-जुकाम, साइनस या डायबिटीज जैसी प्रॉब्लम्स भी दूर रहती हैं। इसको करने के लिए सामान्य मुद्रा में बैठ कर अपने पैर क्रॉस कर के मौड़ लें अब अपने दाए हाथ को दाए घुटने पर आराम से टीकाकर बाए हाथ के अंगूठे से नाक का बाया छिद्र बंद करें, और दाए छिद्र से गहरी सांस अंदर लें। फिर बाया छिद्र मुक्त करें और दाया छिद्र बंद करें। 

बालासन- जांघों की चर्बी कम 

घुटनों को पीछे की ओर मौड़ कर घुटनों के बल बैठ जाएं। ऐडियों पर शरीर का वज़न बनाते हुए, सांस अंदर लेते हुए आगे की और झुकें। हथेलियां ज़मीन की ओर लगाएं। ध्यान रहें कि छाती जांघों और घुटनों के अगले भाग को छुनी चाहिए। साथ ही आपका सिर जमीन को छूना चाहिए। इस आसान को करने से जांघों की चर्बी कम होगी औ कंधों का दर्द दूर।

उत्कटासन- स्लिप डिस्क से राहत

उत्कटासन करने से कमर व पीठ का दर्द ठीक रहता है। खासकर इस आसन को करने का सबसे बड़ा फायदा है कि यह साइटिका और स्लिप डिस्क होने से बचाए रखता है, लेकिन ध्यान रखें कि जिन महिलाओं को पहले से ही यह प्रॉब्लम्स हो, उन्हें ये योगासान करने से बचना चाहिए क्योंकि यह उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप प्रैग्नेंस है तो एक्सपर्ट और डाक्टर की सलाह और निगरानी में इस योगासन को करें। 

धनुआसन- पेट के रोग दूर

इस आसन को करने के लिए एकदम से पीछे की तरफ न झुकें। आसन करने के लिए पेट के बल लेटें।घुटनों को मोड़ते हुए पैरों को हाथों से खींचकर कमर के पास लाएं। सांस लेते हुए सिर और छाली को जमीन से ऊपर उठाएं। कुछ देर इसी स्थिति में रहे। इस आसन को करने से पेट के रोग दूर होंगे और पीठ का दर्द ठीक। 

हस्तपादासन- रीढ़ की हड्डी के लिए बेस्ट  

लगातार काम करने या खुद को झुकाकर रखने से रीढ़ की हड्डी में दर्द होने लगता है। ऐसे में महिलाओं को हस्तपादासन करना चाहिए। सीधे खड़े होकर हाथों को सिर के ऊपर उठाएं। कमर को सीधा रखते हुए धीरे-धीरे नीचे झुके। हथेलियों से पैरों के पंजों और माथे से घुटने को छूने की कोशिश करें। इस आसन को करने से न केलव रीढ़ की हड्डियों से जुड़ी प्रॉब्लम्स दूर होगी बल्कि मिर्गी या अन्य न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर होने का खतरा भी दूर होगा। 

सर्वांगासन- ग्लोइंग स्किन

इस आसन का अभ्यास कंधे के बल खड़े होकर किया जाता है। सर्वांगासन को ग्लोइंग या चमकदार त्वचा के लिए सबसे असरदार आसन माना जाता है। इस आसन के अभ्यास से न सिर्फ स्किन की सेहत सुधरती है बल्कि चेहरे का ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। सर्वांगासन का अभ्यास दिन में 3-5 बार करें। 

भारद्वाजासन- जहरीले टॉक्सिन्स निकालें

शरीर से जहरीले टॉक्सिन्स का निकलना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे बॉडी डिटॉक्स रहती है और हानिकारक तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं। जब ये बाहर निकलते हैं तो शरीर हैल्दी रहता है और स्किन ग्लो करती हैं। जहरीले टॉक्सिन्स का बेहतर तरीका है भारद्वाजासन, जिसका नियमित अभ्यास आपको काफी फायदा पहुंचा सकता हैं। 

अधोमुख श्वान आसन-एनर्जेटिक रखें

इस आसन को करने के लिए हाथों और पैरों के बल खड़ें हो जाएं और आपके पीठ का ऊपरी हिस्सा ऊपर की तरफ करें। सांस को छोड़ते हुए कमर को ऊठाएं और अपने शरीर को वी-शेप में लें आएं। इस आसन को करने से शरीर में लचीलापन आता है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। महिलाएं पूर दिन खुद को एनर्जेटिक रखने के लिए इस आसन को कर सकती हैं क्योंकि इससे शरीर को लंबे समय तक काम करने की ताकत मिलती हैं। 

Content Writer

Sunita Rajput