Women Health: शरीर दे ये 10 संकेत तो समझ लें हार्मोंन्स हो गए हैं इम्बैलेंस

punjabkesari.in Sunday, Sep 06, 2020 - 12:40 PM (IST)

महिलाओं में हार्मोन्स का असुंतलित की समस्या काफी देखने को मिल रही है, जिसका एक बड़ा कारण है तनाव। हार्मोन असंतुलन एक साइलेंट किलर है, जिससे शरीर पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है। ज्यादातर महिलाओं में यह समस्या 40 से 50 की उम्र में देखने को मिलती है इसलिए उन्हें लगता है कि यह समस्या मेनोपॉज के कारण होती है जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि आजकल कम उम्र की महिलाओं में भी यह समस्या देखने को मिल रही है।

 

हार्मोन असंतुलन क्या है?

ब्लड स्ट्रीम में हार्मोन बहुत अधिक या बहुत कम होने की स्थिति को 'हार्मोन असंतुलन' कहते हैं। दरअसल, हार्मोन शरीर के केमिकल घटक होते हैं जिनसे शरीर में कई ग्रंथियां बनती हैं। ये शक्तिशाली केमिकल खून के साथ पूरे शरीर में फैले होते हैं जो ऊतकों व अंदरूनी अंगों को उनके काम करने में मदद करते हैं और शरीर में मुख्य प्रक्रियाओं जैसे मेटाबॉलिज्म और प्रजनन आदि को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।

चलिए अब हम आपको हार्मोन असंतुलन के कुछ ऐसे संकेत बताते हैं, जिससे आप पहचान सकती हैं कि आपके हार्मोन्स का स्तर गड़बड़ा गया है।

वजन बढ़ना

हार्मोन्स के असुंतलन के कारण कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है जो कि तनाव पैदा करने वाला हार्मोन है। इससे नींद नहीं आती और नींद की कमी मोटापे का मुख्य कारण है इसलिए वजन बढ़ना भी हार्मोन्स असंतुलन का एक संकेत है।

थकावट

हार्मोन्स असंतुलित होने पर प्रोजेस्टेरॉन का मात्रा बढ़ जाती है, जिससे आपको थकावट महसूस होने लगती है। इसके अलावा नींद ना आना भी थकावट का संकेत हो सकता है।

तनाव और डिप्रेशन

इसके कारण आपको तनाव रहने लगता है, जो धीरे-धीरे डिप्रेशन का रूप ले लेता है। वहीं लंबे समय तक तनाव के कारण आप मानसिक समस्या का शिकार भी हो सकती हैं।

ज्यादा पसीना आना

हार्मोंस में गड़बड़ी होने पर शरीर के टेम्परेचर में भी बदलाव आता है। इससे आपको अचानक रात को तेज गर्मी व पसीना आमे की समस्या हो सकती है।

ज्यादा भूख लगना

एस्ट्रोजेन हार्मोन के स्तर में कमी के कारण आपको आवश्यकता से अधि‍क भूख लगती है। साथ ही इससे बार-बार कब्ज, पेट दर्द जैसी समस्याएं भी होती रहती है।

गुस्सा आना

हार्मोन असंतुलित होने का पहला असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, जिससे स्वभाव चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो जाती है।

अनियमित पीरियड्स

वैसे तो यह आम समस्या है लेकिन लंबे समय से पीरियड्स का समय पर न आना हार्मोंन्स के असंतुलित होने का ही संकेत है। ऐसा एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन्स की अधि‍कता या कमी की के कारण होता है।

इंटरकोर्स में अरूचि

हार्मोन गड़बड़ी के कारण एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिसके कारण आपको इंटरकोर्स में रूचि नहीं रहती।

याददाश्त कमजोर होना

अगर आप भी रोजमर्रा की चीजें याद नहीं रख पाती तो ये हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लें। साथ ही एक्सरसाइज करें और हेल्दी डाइट लें।

बार-बार पिंपल्स

अगर किसी आपके चेहरे की जॉ-लाइन एरिया पर बार-बार पिंपल्स निकल आए और ठीक होने का नाम ही नहीं ले रहे तो यह भी हार्मोंस अंसतुलन का ही संकेत हैं। इसके अलावा फोरहेड, हाथ-पैर, अपरलिप, पेट, छाती पर मोटे और टाइट बाल आना भी हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है।

Content Writer

Anjali Rajput