तिरंगे में लपेटा गया दिलीप कुमार साहब का शव, जानिए किन्हें मिलता है राजकीय सम्मान

punjabkesari.in Thursday, Jul 08, 2021 - 10:22 AM (IST)

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार 98 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए। उनके जाने से हिंदी सिनेमा के एक युग का अंत हो गया है। उनका पार्थिव शरीर उनके पाली हिल स्थित उनके बंगले पर पहुंचा, जहां से उन्हें जुहू स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उन्हें अंतिम विदाई देने फैंस का हुजूम उमड़ पड़ा। वहीं, कई बॉलीवुड सेलिब्रिटी भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। मगर, इस दौरान जिस एक बात ने कई लोगों का ध्यान खींचा वो था कि उनकी पार्थिव शव तिरंगे में लिपटा हुआ था।

तिरंगे में क्यों लिपटा था शव?

ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। राजकीय सम्मान का मतलब है कि इसका सारा इंतजाम राज्य या केंद्र सरकार व पुलिस की तरफ से किया जाए। साथ ही शव को तिरंगे में लपेटा जाता है और गन सैल्यूट भी दिया जाता है।

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कौन तय करता है राजकीय सम्मान?

महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अभिनेता दिलीप कुमार के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ दफन करने के आदेश दिए हैं। आमतौर पर राजकीय सम्मान प्रधानमंत्री, मंत्री और दूसरे संवैधानिक पदों पर बैठे बड़े नेताओं को दिया जाता है लेकिन अब ऐसा नहीं रह गया।

आजकल व्यक्ति के ओहदे या कद को ध्यान में रखते हुए भी इस बात का फैसला किया जाता है कि उसे राजकीय सम्मान दिया जाएगा या नहीं। अब सरकार राजनीति, कानून, साहित्य, विज्ञान और सिनेमा जैसे क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों को भी राजकीय सम्मान दिया जाता है।

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श्रीदेवी व शशि कपूर को भी मिला था राजकीय सम्मान?

बता दें कि स्वतंत्र भारत में सबसे पहले महात्मा गांधी जी को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई थी। बॉलीवुड की बात करें तो इससे पहले बॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस श्रीदेवी व अभिनेता शशि कपूर को भी राजकीय सम्मान के साथ विदा किया गया था। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री और मदर टेरेसा को भी राजकीय सम्मान दिया गया था।

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बॉलीवुड में कैसा रहा 'ट्रैजेडी किंग' का सफर

बॉलीवुड में ट्रैजेडी किंग के नाम से मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार ने करीब 60 साल तक सिल्वर स्क्रीन पर राज किया। वह आखिरी बार फिल्म 'किला' में नजर आए थे। उन्होंने 'मुगले आजम', 'मधुमती', 'गंगा और जमुना', 'आजाद', 'मधुमती', 'देवदास', 'राम और श्याम' जैसी एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्में दी थीं।

सिनेमा जगत में अतुल्य योगदान देने के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण, दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, पद्म भूषण, किशोर कुमार अवॉर्ड जैसे कई अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा 1998 में उन्हें पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज भी प्रदान किया गया।


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Content Writer

Anjali Rajput

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