नवरात्र में क्यों जरूरी है औरत के लिए 16 श्रृंगार?

punjabkesari.in Friday, Oct 16, 2020 - 05:01 PM (IST)

नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा के साथ-साथ उनके सोलह श्रृंगार का भी बहुत महत्व है। भारतीय पंरपरा के अनुसार इस दौरान महिलाओं के लिए 16 श्रृंगार करना बहुत जरूरी समझा जाता है। पर क्या आप जानते हैं कि आखिर नवरात्र में महिलाओं का 16 श्रृंगार करना क्यों जरूरी होता है।

क्या है 16 श्रृंगार?

ऋग्वेद में कहा गया है कि महिलाओं का सोलह श्रृंगार करना सिर्फ खूबसूरती ही नहीं, भाग्य को भी बढ़ाता है। इस पर्व पर महिलाएं मां भगवती को खुश करने के लिए ये श्रृंगार करती हैं। आइए, जानते हैं आखिर कौन-कौन से हैं ये श्रृंगार...

16 श्रृंगार में होती हैं ये चीजें

1. लाल रंग के कपड़े

माता रानी को लाल रंग बहुत प्रिय है, इसलिए इस रंग के ही कपड़े पहनने की कोशिश करें।

2. बिंदी

शादीशुदा महिलाओं को कुमकुम या सिंदूर से अपने माथे पर बिंदी लगानी चाहिए। आप चाहे तो स्टीकर वाली बिंदी भी लगा सकती हैं।

3. सिंदूर

सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सिंदूर लगाने से पति की आयु लंबी होती है।

4. काजल

काजल न सिर्फ आपकी आंखों की सुदंरता बढ़ाता है, बल्कि यह आपको बुरी नजर से बचाने में भी मदद करता है।

5. मेहंदी

मेहंदी के बिना तो 16 श्रृंगार अधूरा माना जाता है। सिर्फ नवरात्र ही नहीं, हर शुभ अवसर पर महिलाओं को मेहंदी लगानी चाहिए।

6. गजरा

मां दुर्गा को मोगरे का गजरा बहुत प्रिय है। ऐसे में, आप किसी भी हेयर स्टाइल के साथ गजरा लगाकर अपने श्रृंगार के पूरा कर सकती हैं।

7. मांग टीका

माथे पर पहना जाने वाला यह आभूषण सिंदूर के साथ मिलकर हर महिला की सुंदरता में चार चांद लगा देता है।

8. नथ

शादीशुदा महिलाओं के लिए नाक में नथ पहनना बहुत जरूरी माना जाता है। वैसे तो आजकल कुंवारी लड़कियां भी नोज रिंग डालना पसंद करती हैं।

9. कानों में झुमके

चेहरे की सुदंरता बढ़ाने वाला झुमका भी 16 श्रृंगार का हिस्सा माना जाता है।

10. मंगल सूत्र 

जहां मंगलसूत्र सुहाग की पवित्र निशानी माना जाता है, वहीं इसके काले मोती महिलाओं को बुरी नजर से भी बचाते हैं।

11. बाजूबंद

कड़े के सामान आकृति वाला यह आभूषण सोने या चांदी का होता है। यह बाहों में पूरी तरह कसा जाता है, इसलिए इसे बाजूबंद कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि बाजूबंद परिवारिक धन की रक्षा के लिए होता है।

12. चूड़ियां

चूड़ियां सुहाग का प्रतीक होती है। नवरात्र में हर महिला की कलाई चूड़ियों से भरी होनी चाहिए। नवरात्र में सुहागन महिलाएं लाल और कुंवारी लड़कियां हरी-लाल चूड़ियां पहन सकती हैं।

13. अंगूठी

सदियों से पति-पत्नी के प्यार और विश्वास का प्रतीक मानी जाती है अंगूठी। कहा जाता है कि हाथ में अंगूठी पहनने से महिलाएं आलसी नहीं होती।

14. कमरबंद

वैसे तो नववधू ही कमरबंद पहनती हैं, लेकिन इसे 16 श्रृंगार का खास हिस्सा माना जाता है।

15. बिछुआ

पैरों के अंगूठे और छोटी उंगली को छोड़कर बीच की तीन उंगलियों में चांदी का बिछुआ पहना जाता है। 

16. पायल

पैरों में पहनी जानी वाली पायल भी महिलाओं की सुदरंता को बढ़ा देती है।

Content Writer

Anjali Rajput