Ganesh Chaturthi: कब और कैसे करें बप्पा की मूर्ति की स्थापना और पूजा

punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2019 - 03:24 PM (IST)

गणेश चतुर्थी का उसत्व भारत के हर कोने में धूमधाम से मनाया जाता है। इस उसत्व में पहले गणेश जी मूर्ति को घर पर स्थापित किया जाता है और फिर 10 दिन बाद पानी में विसर्जित किया जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी 2 सितंबर से लेकर 12 सितंबर तक चलने वाली है। लोग शुभ मुहुर्त के हिसाब से गणपति को घर में स्थापित करते हैं, ताकि पूजा का सही फल मिले। आप भी अपने घर में गणेश जी को विराजित करना चाहते हैं तो जानें क्या है गणपति स्थापना का तरीका, पूजा की सही विधि और शुभ मुहूर्त। 

 

गणेशोत्सव कब से कब तक मनाया जाता है

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणपति प्रतिमा की स्थापना की जाती है, जिसके बाद लगातार 10 दिनों तक यह उसत्व चलता है। गणेश जी को विसर्जित करने के लिए लोग ढोल नगाड़े बजाते हुए, नाचते गाते हुए गणेश प्रतिमा को ले जाते हैं। बता दें कि इस साल 2 सितंबर से गणेश चतुर्थी का त्यौहार शुरू हो रहा है, जो 12 सितंबर को खत्म होगा।

गणेश चतुर्थी को क्यों कहते हैं डंडा चौथ?

गणेश भगवान को ऋद्धि-सिद्धि व बुद्धि का दाता भी कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, गुरु शिष्य परंपरा के तहत इस दिन से विद्याध्ययन शुरू होता है, जिसमें बच्चे डंडे बजाकर खेलते हैं। यही कारण है कि कुछ जगहों पर इसे डंडा चौथ भी कहा जाता है।

गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त

गणेश चतुर्थी पर्व तिथि व मुहूर्त 2019
मध्याह्न गणेश पूजा – 11:05 से 13:36
चंद्र दर्शन से बचने का समय- 08:55 से 21:05 (2 सितंबर 2019)
चतुर्थी तिथि आरंभ- 04:56 (2 सितंबर 2019)
चतुर्थी तिथि समाप्त- 01:53 (3 सितंबर 2019)

गणेश जी की मूर्ति कहां स्थापित करें

गणेश जी की प्रतिमा को आप अपने मंदिर या देव स्थान में स्थापित करें। अगर आप गणपति जी की मूर्ति को किसी कारण स्थापित नहीं कर सकते तो एक साबुत पूजा सुपारी को गणेश जी का स्वरूप मानकर उसे घर में रख सकते हैं।

स्थापना करने का सही तरीका

पूजा स्थल की अच्छी तरह साफ-सफाई करें। फिर जिस चौकी पर गणेश जी की मूर्ति रखनी है, उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर चावल रखें और मूर्ति को स्थापित करें। स्थापना करने के बाद मूर्ति को दूर्वा, गंगाजल और पान के पत्ते से स्नान करवाएं। आप पीले वस्त्र या फिर मोली को वस्त्र मानकर भी गणेश जी को अर्पित करें। अब गणेश जी को रोली से तिलक लगा कर फूल चढ़ाए और भोग लगाकर पूरा, अर्चना, मंत्र जाप और भजन-कीर्तन करें।

भगवान का भोग

भगवान की पूजा के साथ-साथ उन्हें समय पर भोग लगाना भी बहुत जरूरी है। दिन में 3 बार भोग लगाना जरूरी होता है। गणेश जी को फल के साथ-साथ मोदक का भोग भी लगाएं क्योंकि यह गणपति जी के प्रिय है। 

इन बातों का भी रखें ध्यान

-शुभ लाभ के लिए गणपति जी को प्रतिदिन 5 दूर्वा जरूर अर्पित करें। 
-प्रसाद में प्रतिदिन पंचमेवा जरूर रखें।
-भगवान के चरणों में 5 हरी इलायची और 5 कमलगट्टे रखें। 
-दूर्वा को हर रोज बदल दें लेकिन हरी इलायची और कमलगट्टे को अंतिम दिन तक ऐसे ही रहने दें।
-पूजा समाप्त होने के बाद कमलगट्टों को लाल कपड़े में बांध कर रख लें और इलायची का प्रसाद बांट दें।

Content Writer

Anjali Rajput