नहाने के लिए पानी का नहीं, इस चीज का इस्तेमाल करती हैं 'रेड वूमेन्स'

punjabkesari.in Sunday, Jul 22, 2018 - 01:58 PM (IST)

स्वस्थ रहने के लिए रोज नहाना बहुत जरूरी होता है। डॉक्टर भी रोजाना नहाने के लिए कहते हैं ताकि हम हैल्दी रहें। मगर आज हम आपको एक एेसे रिवाज के बारे में बताएंगे जिसको सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।  अफ्रीका के नॉर्थ नामबिया के कुनैन प्रांत में रहने वाली हिंबा आदिवासी महिलाओं को नहाना मना है। जी हां ये आदिवासी महिलाएं नहाती नही हैं।

 


हिंबा महिलाओं को अफ्रीका की सबसे खूबसूरत महिलाएं कहा जाता है लेकिन आपको बता दें कि इस जनजाति की महिलाओं को नहाने की इजाजत नहीं। इतना ही नहीं, ये महिलाएं हाथ तक धोने के लिए पानी का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं। हांलाकि, खुद को साफ-सुथरा रखने के लिए इन महिलाओं का अपना एक खास तरीका है। ये महिलाएं नहाने की जगह खास जड़ी-बूटियों को पानी में उबालकर उसके धुएं से अपनी बॉडी की फ्रैश रखती हैं ताकि उनसे बदबू ना आए।


इस बूटी की खुशबू से इनके शरीर से कभी ना नहाने के बाद भी अच्छी गंध आती है। ये अपनी त्वचा को धूप से बचाने के लिए खास तरल के लोशन का इस्तेमाल करती हैं जो लोशन जानवर की चर्बी और हैमाटाइट के घोल से तैयार किया जाता है। हैमाटाइट के रंग की वजह से उनकी त्वचा का रंग लाल हो जाता है। यह खास लोशन उन्हें कीड़ों के काटने से भी बचाता है। इन महिलाओं को 'रेड वूमेन' के नाम से भी जाना जाता है।


अन्य आदिवासी समाज की तरह हिम्बा लोग भी गाय पर निर्भर हैं। समूह में अगर किसी के पास गाय नहीं है तो उसे सम्मान की नजरों से नहीं देखा जाता है।


हिम्बा संस्कृति में विवाह का अहम स्थान है। हालांकि, जनजाति बहुविवाह को बढ़ावा देती है। हिम्बा महिलाएं शादी के बाद एक से ज्यादा पुरूषों के साथ संबंध बना सकती है। केवल महिलाएं ही नहीं बल्कि जनजाति के पुरूषों पर भी यह नियम लागू होता है। यह भी खास बात है कि हिम्बा जनजाति में परिवार का मुखिया पुरुष ही क्यों ना हो लेकिन आर्थिक फैसले लेने का हक सिर्फ महिलाओं को ही है। 
 

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