आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी से ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाया निधि और गीता का यह स्टार्टअप

punjabkesari.in Friday, Jun 14, 2019 - 02:13 PM (IST)

महिलाओं में स्तन कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे कि काफी महिलाएं ग्रस्त होती है, लेकिन बहुत सी महिलाओं को इस बीमारी के बारे में समय रहते पता नहीं लगता है, अगर लग भी जाता है तो वह इसका इलाज नहीं करवा पाती। इन दिनों काफी अधिक महिलाएं स्तन कैंसर से ग्रस्त हो रही हैं, इसमें महिलाओं से लेकर लड़कियां तक शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार हर चार मिनट में एक महिला को स्तन कैंसर के बारे में पता लगता है। हर 22 महिलाओं में से एक में स्तन कैंसर विकसित होता हैं। कैंसर इंडिया स्टेटिस्टिक्स के अनुसार 2020 तक कैंसर के 17. 3 लाख नए मामले सामने आएगे।
 
महिलाओं में स्तन कैंसर का पता लगाने में गीता मंजूनाथ व निधि माथुर ने 2016 में हेल्थटेक स्टार्टअप निरमाई की शुरुआत की हैं। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से शुरुआती चरणों में कैंसर का पता लगाने में मदद करती हैं। यह तकनीक गैर आक्रामक व विकिरण रहित व बिना दर्द के होती हैं। 

10 शहरों में खोल चुके है अस्पताल 

निरमाई के अब 10 भारतीय शहरों के अस्पतालों व नैदानिक केंद्रों में 30 से अधिक सेंटर है जिसमें टीम की मदद से क्लीनिकल ट्रायल्स किए जाते है। उनके पास स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत, ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (DCGI), और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की नियामकीय मंजूरी भी है। इस साल फरवरी में, निरमाई ने जापानी वीसी फर्म ड्रीम इनक्यूबेटर, बेनेक्स, और अन्य निवेशकों के नेतृत्व में 6 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया। इसके साथ ही टीम के पास नौ अमेरिकी पेटेंट और एक कनाडाई पेटेंट है। स्टार्टअप ग्लोबल बिजनेस डेटा इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म सीबी इनसाइट्स द्वारा विश्व में AI 100 स्टार्टअप्स के 2019 के सहयोग में सूचीबद्ध एकमात्र भारतीय कंपनी है।

 

परिवार में हुआ कैंसर तो आया आइडिया

जब गीता अपनी टीम के साथ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ स्वास्थ्य, ट्रांसपोर्ट व अन्य क्षेत्रों के लिए AI का प्रयोग कर रही थी, तब कैंसर के कारण उसने अपने परिवार के दो सदस्य खो दिए। जोकि उसकी करीबी चचेरी बहन व पति की चचेरी बहन थी। इसके बाद उसे इस बारे में आइडिया आया और उसने कैंसर के बारे में नजदीक से जानने की कोशश की। इससे पहले भी वह स्वास्थ्य सेवा पर रिसर्च कर रही थी, तो उसने अमेरिका में विभिन्न शोधकर्ताओं से इस बारे में बात की।

कैसे काम करता है यह प्रोडेक्ट 

स्तन कैंसर के प्रारंभिक चरण का पता लगाने के लिए कंपनी का प्रोडक्ट, थर्माइटिक्स (Thermalytix) एक पोर्टेबल, नॉन-इनवेसिव, रेडिएशन-फ्री और बिना कॉन्टैक्ट में आए इसका हल देता है। यह चेस्ट के आसपास के तापमान को मापता है। एक थर्मल इमेजर व्यक्ति से तीन फीट दूर रखा जाता है।  सेंसर चेस्ट की इमेजेस और तापमान को कैप्चर करता है। यह एक बदलते कमरे के अनुभव की तरह है।" पूरी प्रक्रिया में 10-15 मिनट लगते हैं, जिसके बाद एक रिपोर्ट तैयार होती है। 'निरमाई थर्माइटिक्स में न केवल स्तन कैंसर से बल्कि अंततः अन्य बीमारियों से भी कई लोगों को बचाने की क्षमता है।'

 

निधि और गीता दोनों सॉफ्टवेयर और तकनीकी क्षेत्र से जुड़ी हुई है, इसलिए उन्होंने थर्माइटिक्स के डिजाइन और अनुभव की अवधारणा तैयार की। इसके बाद उन्होंने तब प्रोटोटाइप का निर्माण किया। टेस्टिंग प्रोडक्ट के पीछे सॉफ्टवेयर और AI एल्गोरिदम के निर्माण में उन्हें तीन से छह महीने का समय लगा। अगस्त 2017 में बेंगलुरु के बीएमएस अस्पताल में पहली बार लॉन्च किया गया था।

 

हैदराबाद मॉल में खोला सेंटर

निरमाई महिलाओं में इस बारे में जागरुकता पैदा करने का काम भी कर रही है। कई महिलाएं कैंसर का परीक्षण करवाने के लिए अस्पतालों में जाने से हिचकिचाती हैं। इसके लिए हैदराबाद में एक मॉल में एक केंद्र खोला गया है, यहां से महिलाओं से आसानी से बाहर निकलना और परीक्षण करवाना आसान लगता है। पिछले कुछ महीनों में हर महीने 20-25 परीक्षण हुए हैं।


 

Content Writer

Sunita Rajput