...इसलिए कुंवारी लड़कियां नहीं लगा सकती शिवलिंग को हाथ
punjabkesari.in Tuesday, Mar 09, 2021 - 01:51 PM (IST)
इस साल महाशिवरात्रि गुरुवार, 11 मार्च को मनाई जाएगी। इस दिन महिलाएं ना सिर्फ शिवजी की पूजा करती हैं बल्कि वो इस दिन व्रत भी रखती हैं। इस दिन शादीशुदा महिलाओं से लेकर कुवांरी कन्याएं तक व्रत रखती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर शिवरात्रि का क्यों मनाई जाती है और इस दिन व्रत क्यों रखा जाता है। चलिए आपको बताते हैं शिवरात्रि से जुड़ी कुछ ऐसी बातें, जो शायद ही किसी को पता हो।
क्या है महाशिवरात्रि का महत्व?
महाशिवरात्रि का मतलब है 'शिव की महान रात'। इस पर्व के साथ कई कहानियां भी जुड़ी हुई हैं, कुछ लोगों का कहना है कि इस दिन शिव-पार्वती का विवाह हुआ था। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन भगवान शिव ने ताडंव का प्रदर्शन किया था। वहीं कुछ लोग यह दिन शिव-पार्वती के प्रेम के प्रतिक के रूप में भी मनाते हैं।
इसलिए रखती हैं कुवांरी लड़कियां व्रत
कुवांरी महिलाएं शिवरात्रि का व्रत इसलिए रखती हैं, ताकि उन्हें भगवान शिव की ही तरह जीवसाथी महिलाएं। वहीं शादीशुदा महिलाएं अपनी हैप्पी मैरिड लाइफ, संतान सुख व पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं।
लड़कियां क्यों नहीं लगा सकती शिवलिंग को हाथ?
मान्यता है कि कुंवारी कन्याओं को शिवलिंग को हाथ नहीं लगा लगाना चाहिए। यह भी कहा जाता है कि उनके द्वारा शिवलिंग की पूजा का ख्याल करना भी निषेध है। ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान शिव लीन रहते हैं। किसी स्त्री के कारण उनकी तपस्या भंग न हो, इसका ध्यान रखते हुए ये मान्यता प्रचलित हुई। इसी कारण से महिलाओं को शिवलिंग पूजा न करने के लिए कहा गया है। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि वो भगवान शिव की पूजा नहीं कर सकतीं। कुंवारी कन्याएं ही शिव जी की सबसे अधिक आराधना करती हैं, ताकि उन्हें अच्छा वर प्राप्त हो।
शिव को क्यों चढ़ाते हैं दूध और बेल पत्र?
शिवरात्रि के दिन भक्त शिवलिंग को दूध, दही, शहद, घी और चंदन से स्नान करवाते हैं। इसके अलावा शिवलिंग पर बेलपत्र भी चढ़ाएं जाते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव को दूध काफी पसंद था, कहा जाता है कि वह गर्म स्वभाव के थे तो दूध उन्हें ठंडा रखता था।