भावुक हुई शहीद कर्नल संतोष बाबू की पत्नी, कहा - 'हर हाल में जीतकर आना'

punjabkesari.in Friday, Jul 03, 2020 - 05:02 PM (IST)

भारत-चीन की लद्दाख सीमा पर चल रही लड़ाई के चलते की वीर जवान शहीद हो चुके हैं। वहीं, 15 जून को खूनी जंग में जान गवां चुके शहीद कर्नल संतोष बाबू की मौत से भी पूरा देश गुस्से में हैं। इस युद्ध में भारतीय सेना ने 20 जवानों को खो दिया, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद लद्दाख जाकर सेना के साथ खड़े हुए और उनका मनोबल बढ़ाया।

पति का बलिदान नहीं जाना चाहिए व्यर्थ

शहीद संतोष बाबू की भावुक हुई पत्नी ने भी पीएम मोदी के लद्दाख जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हमें हिम्मत नहीं हारनी। मेरे पति का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। मुझे मोदी जी से कहना हैं कि हमें हर हाल में जीतना होगा।"।

वीरता की परिभाषा थे कर्नल बाबू

बता दें कि जंग के दौरान कर्नल संतोष बाबू श्योक व गलवां नदी के संगम स्थल पर मौजूद थे। उनके साथ 3 इंफेंट्री डिवीजन कमांडर के अलावा कुछ ओर अफसर भी थे। उनके बीच बातचीत चल रही थी कि तभी 16 बिहार रेजिमेंट से ऑर्डर आया। उन्होंने समझौते के तहद चीनी सैनिकों को ऑब्जरवेशन पोस्ट से तंबू हटाने के लिए कहा लेकिन जब उन्होंने इंकार किया तो सेना वापिस लौट आई।

नुकीली कील लगे डंडों से चीनी सैनिकों ने किया हमला

मगर, फिर कर्नल संतोष की 50 सैनिकों के टुकड़ी ने उन्हें दोबारा तंबू हटाने के लिए कहा लेकिन तब तक 350 चीनी सैनिक हमले की तैयारी कर चुके थे। उन्होंने जवानों के वहां पहुंचते ही पत्थर, कंटीली तार और कील लगे डंडों व रॉड से हमला शुरू कर दिया।

3 घंटे चली थी हिंसक झड़प

भारतीय व चीनी सौनिकों की झड़प लगभग 3 घंटे तक चली लेकिन फिर कर्नल संतोष भी उनके हमले से घायल हो गए। तभी 50 ओर भारतीय सैनिक आए। बिहार रेजिमेंट ने सेना की मदद के लिए जवाबी हमला शुरू किया और चीन के तंबू उखाड़ फेंके। मगर, तब तक कई भारतीय सैनिक घायल और वीरगति को प्राप्त हो चुके थे, जिसमें कर्नल संतोष भी शामिल थे। 16 जून दोनों तरफ के अफसरों में बातचीत के बाद सैनिकों के शव व घायल सैनिकों को लौटाया गया।

गौरतलब है कि चीन की इस धोखेबाजी के कारण भारत के 20 जवान शहीद हो गए। हालांकि चीन के भी 42 सैनिकों को भी जान चली गई।

Content Writer

Anjali Rajput