जय-वीरु स्टाइल में हुई थी Gul Panag की विदाई, जानें इस Bindass Girl की कुछ अनसुनी बातें

punjabkesari.in Tuesday, Feb 05, 2019 - 04:17 AM (IST)

पूर्व मिस इंडिया, सोशल एक्टिविस्ट, फिटनेस आइकन और पॉलिटिशियन गुल पनाग रियल लाइफ में अपने बिंदास अंदाज के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने धूप, मनोरमा सिक्स फीट अंडर, डोर जैसी लीक से हटकर फिल्में की है। उनकी सादगी ने कई दर्शकों का दिल जीता है। गुल पनाग की जिस तरह की पर्सनेलिटी है और जिस पैशन के साथ वह जीती हैं, वह हर महिला के लिए इंस्परेशन है। चलिए आज हम उनकी लाइफ से जुड़ी कुछ खास बातें आपके साथ सांझा करते हैं।

 

बुलेट में ली थी विदाई

शादी वाले दिन सुंदर लहंगे और इंडियन जूलरी से सजी दुल्हन। माथे पर लटकता मांग टीका, होठों पर मुस्कान वुस्कान नहीं, पूरी खिलखिलाहट। आंखों पर एविएटर्स।गुल पनाग जब मॉडर्न बहू बनकर  ‘बुलेट’ पर हाथ लहराते हुए ससुराल विदा हुई तो दुनिया इस अदा पर फिदा हो गई थी। जाहिर है बुलेट को उनके पति ऋषि अत्री चला रहे थे और गुल साथ में सटी साइड कार में बैठी थीं। जय-वीरू वाले स्टाइल में ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब शेयर की गईं थी। गुल की बारात में भी कारें नहीं, बुलेट ही बुलेट थीं।

सोशल मुद्दो पर खुलकर करती हैं बात

गुल पनाग सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर काफी एक्टिव रहती हैं। पॉलिटिकल और सोशल मुद्दो पर वह खुलकर बात करने में यकीन रखती हैं। गुल उन सेलेब्रिटीज में शुमार हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा रीट्वीट किया जाता है। गुल पनाग के लिए सोशल वर्क एक पैशन है। गुल कर्नल शमशेर सिंह फाउंडेशन रन करती हैं, जो जेंडर इक्वॉलिटी, एजुकेशन और डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए काम करता है। गुल ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन मूवमेंट में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।

 

स्टीरियोटाइप्स को तोड़ना

गुल पनाग ने महिलाओं से जुड़े स्टीरियोटाइप्स को तोड़ा है।  गुल एक इंडिपेंडेंट लाइफ जीती हैं और अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेने में यकीन रखती हैं। उनका मानना है कि महिलाओं पर किसी तरह की बंदिश नहीं होनी चाहिए और उन्हें अपनी तरह से जिंदगी जीने का पूरा हक है। गुल को ऐसी पर्सनेलिटीज अच्छी लगती हैं, जिन्होंने अपनी लाइफ में स्टीरियोटाइप्स को तोड़कर एक नई शुरुआत की है।

पीड़िता को मिले कानूनी मदद

गुल महिलाओं को उनकी कानूनी लड़ाई के लिए मदद दिलाए जाने के हक में हैं। वह किसी भी तरह के हिंसा से जुझ रहे महिलाओं को इंसाफ दिलाना चाहती है।वह इस बात को बहुत गलत मानती है महिलाओं को अपनी लड़ाई लड़ने के लिए सपोर्टिव माहौल नहीं मिल पाता। ऐसे में या तो महिलाएं संघर्ष नहीं करती हैं या फिर वे बीच में ही पीछे हट जाती हैं। वह मानती है कि गलत करने वालों को सजा मिले। साथ ही यह भी देखे जाने की जरूरत है कि निर्दोष को सजा ना मिले।  हमारा कानून ऐसा होना चाहिए, जहां महिलाएं जाकर मदद ले सकें।

 

फिटनेस आइकन हैं गुल

गुल पिछले 20 साल से रनिंग कर रही हैं और वह देश की महिलाओं के लिए एक परफेक्ट फिटनेस आइकन हैं। गुल पिंकेथॉन की ब्रांड एंबेसेडर भी रह चुकी है। पिंकेथॉन ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी, महिलाओं की हेल्थ और फिटनेस के लिए जागरूक बनाने को लेकर शुरू किया गया था। इसके अलावा गुल हेल्दी लिविंग में यकीन रखती हैं, वह डाइट लेने के मामले में भी पूरी तरह डिसिप्लिन्ड हैं।

 

Content Writer

Vandana