लॉकडाउन में रमजान मनाने में इन बातों का रखें खास ख्याल

punjabkesari.in Friday, Apr 24, 2020 - 11:07 AM (IST)

आज से मुसलमानों का रमज़ान का महीना शुरू हो गया है। यह महीना इन लोगों के लिए बेहद खास होता है। इस पूरे महीने में सभी मुस्लिम लोग अपने खुदा की रहमत पाने के लिए पूरे 30 दिन रोज़े रखते हैं। वे अपने भाई- रिश्तेदारों के साथ मिलकर मस्जिद में एकसाथ नमाज अदा करते हैं। साथ ही एकजुट होकर खुदा से दुआ करते हैं। मगर इस बार पूरा विश्व कोरोना वायरस की महामारी से जुझ रहा है। ऐसे में इससे बचने के लिए देश भर में लॉकडाउन ऐलान किया गया है। इसलिए इन्हें इसे मनाने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा। ताकि रोज़ो का हुक्म भी अदा हो जाए और कोरोना के कहर से बचा भी जाए। तो चलिए बताते हैं उन जरूरी बातों के बारे में...

स्वस्थ लोग रखें रोज़ा

रोजा रखने पर पूरा दिन भूखा रह कर शाम के समय खाया जाता है। ऐसे में जो लोग पूरी तरह स्वस्थ हैं। उन्हें ही रोजे रखने चाहिए। ताकि कोरोना की चपेट में आने से भी बचा जा सके।

घर पर ही करें रोज़ा- इफ्तेहार

लॉकडाउन के कारण घर से बाहर जाने की जगह घर पर परिवार वालों के साथ ही रोज़े- इफ्तेहार को अंजाम दें।

सामूहिक पार्टी में शामिल न हो

कोरोना के कहर से बचने के लिए सभी को सोशल डिस्टेंसिग के नियम को अपनाना चाहिए। इसलिए इस साल आए रमजान के रोज़ो पर सामूहिक आयोजन या पार्टी करने से बचें।

मस्जिद नहीं घर पर पड़े नमाज

वैसे तो इस विशेष अवसर पर सभी को मस्जिद में मिलकर खुदा की इबादत करनी चाहिए। मगर लॉकडाउन के कारण जो आप मस्जिद में तरावीह पढ़ते हैं। उसे इस साल घर पर ही पढ़ें।

कुरान पढ़ें

घर पर फैमिली के सदस्यों को कुरान‌ सुनाएं। सभी मिलकर खुदा से दुआ करें। बाहर से किसी व्यक्ति को घर पर बुलाने से परहेज़ रखें।

इबादत के समय सोशल डिस्टेंसिंग का रखें ध्यान

यहां आपको बता दें, रमजान के दिनों में ताक की रातों में 21, 23, 25, 27, 29 आदि तारीखों में खासतौर पर खुदा की इबादत की जाती है। ऐसे में इबादत करते समय किसी के संपर्क में आने से बचें। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखें।

यूं करें एतकाफ

रमजान खत्म होने के 10 दिन पहला सभी लोगों द्वारा मस्जिद में जाकर एतकाफ किया जाता है। ऐसे में कोरोना के कहर से बचने के लिए आपसी सहमती से एक समय में मस्जिद एक ही आदमी एतकाफ करने जाएं।

घर पर ही खोले रोजा

इन दिनों मस्जिद जाने की जगह घर पर ही अपने परिवार वालों के साथ रोजा खोले। साथ ही किसी के घर जाने और किसी को अपने घर बुलाने से बचें।

ये लोग न रखें रोज़ा

बच्चे, बुढ़े और बीमार लोगों को रोज़ा नहीं रखना चाहिए। ऐसे में उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।

Content Writer

Anjali Rajput