ये कैसा अंधविश्वास! महिलाओं ने वायरस को बनाया 'कोरोना माता', कर रहीं पूजा
punjabkesari.in Saturday, Jun 06, 2020 - 05:24 PM (IST)
जहां एक तरह दुनिया चांद पर पहुंच गई है वहीं भारत में अभी कुछ लोग ऐसे हैं, जो अंधविश्वासों को पकड़कर बैठे हैं। वहीं बात अगर वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बन चुके कोरोना वायरस की हो तो लोग उसे लेकर भी कई तरह के अंधविश्वास फैला रहे हैं।
India is land of celebration.
— Witty! Shitty! Pretty! (@8pmGyan) June 5, 2020
India celebrating #coronavirusinindia !
#Corona must be thinking where I landed .. pic.twitter.com/tilJeTA6SN
हाल ही में झारखंड के धनबाद में महिलाएं और किन्नर अब कोरोना को 'कोरोना माता' कहकर इसकी पूजा-अर्चना करने लगी हैं। जी हां, सोशल मीडिया पर इन दिनों कुछ तस्वीरें व वीडियोज काफी वायरल हो रहा है, जिसमें महिलाएं और किन्नर नदी किनारे एक खुले मैदान में 'कोरोना माता' की विधि-विधान से पूजा करते नजर आ रही हैं।
लोगों का मानना है कि सोमवार और शुक्रवार को पूरे विधि-विधान से कोरोना माता की पूजा करने से वो अपने आप ही देश छोड़कर चली जाएंगी। झरिया स्थित लिलौरी पत्थरा की दर्जनों महिलाएं शुक्रवार को लोदना जोड़िया नदी के तट पर एक फीट जमीन खोद कर उसमें 9 लड्डू, 9 लौंग और अड़हुल के फूल सहित 'कोरोना माता' को शांत करने के लिए पूजा करती नजर आई। पूजा के बाद उस गड्ढे को वापस मिट्टी से बंद कर दिया गया।
पूजा करने वाली एक महिला ने कहा, 'मैंने एक सपना देखा है जिसमें दो महिलाएं खेत में घास काट रही थीं। तभी एक गाय वहां आई और देवी का रूप धारण कर बोली, आप लोग डरो मत, मैं कोरोना माता हूं। मेरा देश में माता के रूप में प्रचार-प्रसार करो। सोमवार और शुक्रवार को विशेष नियम से मेरी पूजा अर्चना कर मेरा आशीर्वाद ग्रहण करो। मैं शांत होकर खुद चली जाऊंगी, जिसकी वजह से हम भी पूजा कर रहे हैं।'
Andhvishwas on high during corona time. #Corona Mata😂😂 pic.twitter.com/dRgV2F0N8e
— Abhishek Anand (@OriginalAnand) June 5, 2020
वहीं, इसी इलाके में रह रहे किन्नर समाज का कहना है कि उन्होंने भी इसी तरह का सपना देखा है। इसके बाद वो नहा धोकर 'कोरोना माता' की पूजा करने में जुट गए। यही नहीं, किन्नरों ने तो कोरोना माता को खुश करने के लिए गीत तक गा डालें।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग उन्हें महिलाओं को रोकने और अंधविश्वास के लिए मना भी किया लेकिन महिलाएं नहीं मानी और अपनी पूजा में जुटी रहीं। वहीं, धर्मगुरुओं ने कहा कि कोरोना बीमारी है। लोगों को अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए। पूजा पाठ से मानिसक शांति मिलती है लेकिन बीमारी की पूजा करना पूरी तरह अंधविश्वास है। इससे लोगों को बचना चाहिए।
@WHO this is India, Corona is treated as MATA in our Country. Ab kya karoge bhai. pic.twitter.com/wd1DsAvpKz
— rajeev shankar (@rajeev_0shankar) June 6, 2020
भले ही आज जमाना चांद-मंगल पर जाने की बातें कर रहा हो लेकिन बावजूद इसके समाज में आज भी ऐसे लोगों को कमी नही है जो बेतुके अंधविश्वासों पर यकीन किए हुए हैं। लोगों की सोच बदलने के लिए किसी एक व्यक्ति की पहले से भी कुछ नहीं होगा क्योंकि ऐसे अंधविश्वासों को खुद की सोच बदलकर ही बदला जा सकता है।