जेब में थे 27 रुपए, 4 दिनों तक रहे भूखे, मगर नहीं हारे विश्वास, पत्नी शबाना ने शेयर की जावेद की संघर्ष भरी कहानी

punjabkesari.in Sunday, Oct 06, 2019 - 01:47 PM (IST)

बॉलीवुड की जानी मानी अभिनेत्री शबाना आजमी किसी पहचान की मोहताज नहीं है। शबाना ने अपने दमदार अभिनय से बॉलीवुड में एक खास मुकाम हासिल किया। जितनी वो अपने काम के लिए पहचानी जाती है, उतनी सुर्खियों में उनकी पर्सनल लाइफ भी रही। फिल्मी करियर की तरह उनकी लवलाइफ ने भी खूब सुर्खियां बटौरी। शबाना को शादीशुदा जावेद अख्तर से प्यार हो गया और उन्हीं के साथ सात फेरे भी लिए। कहा जाता है कि भले ही कबीर बेदी,शशि कपूर और शेखर कपूर शबाना का क्रश रहे हो लेकिन जावेद की तेज दिमाग से शबाना काफी इम्प्रेस थी। जावेद की इसी खासियत को देख शबाना उनकी दीवानी हो गई थी। आज भी दोनों एक-दूसरे की काफी कदर करते हैं, जिसका सबूत शबाना द्वारा हाल ही में किया गया एक इमोशनल पोस्ट है। शबाना आज़मी ने ट्विटर पर 55 साल पुरानी जावेद अख़्तर की संघर्ष भरी कहानी को सांझा किया। 

उन्होंने लिखा, 'आज ही के दिन एक 19 साल का युवक जिसके पास 27 रुपए थे। वह युवक मुंबई में मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर उतरा था, उसकी जेब में 27 रुपए थे लेकिन उसकी आंखों में सपने लिए जावेद फुटपाथ पर सोए, 4-4 दिनों तक भूखे रहे लेकिन वे अपने आप पर पूरा विश्वास करते थे, ये मुश्किलों केआगे हार ना मानने की प्रेरणादायक कहानी है, मैं आपको सैल्यूट करती हूं।'

 

मगर आज इस बात को 55 साल बीत चुके हैं और जावेद बॉलीवुड के महत्वपूर्ण आर्टिस्ट के तौर पर इंडस्ट्री की जानी मारी शख्‍सियत हैं। वे एक स्क्रीनराइटर, लिरिक्स राइटर के रूप में मशहूर हो चुके हैं। 

 

बता दें कि जावेद अख्तर ने सलमान खान के पिता सलीम खान के साथ मिलकर 70 और 80 के दशक में कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों के डायलॉग्स लिखे और कई सुपरहिट फिल्मों की कहानियां भी लिखीं जिनमें शोले और जंजीर जैसी फिल्में शामिल हैं। इतना ही नहीं, जो जावेद कभी महज 27 रुपये जब में लेकर मुंबई आए तो उसी जावेद ने एक प्रोड्यूसर से फिल्म की स्क्रीप्ट लिखने के लिए सबसे ज्यादा पैसे मांगे। 

दरअसल, सलीम-जावेद का कहना हैं कि बॉलीवुड इंडस्ट्री के लेखकों को पैसे ही नहीं मिलते थे। साल 1975 में आई 'शोले' को लिखने लिए निर्माता जीबी सिप्पी से उन्होंने 1 करोड़ रुपये मांगे थे। ऐसा इंडस्ट्री में पहली बार हुआ था जब किसी लेखन ने इतने ज्यादा पैसों की डिमांड की हो। बस फिर क्या था शुरूआत तो सलीम-जावेद से हुई मगर इसके बाद सभी लेखकों ने अपने मेहनताने के लिए निर्माताओं से खुलकर पैसे मांगने शुरू किए। इतना ही नहीं, आज भी जावेद अख्तर को इंडस्ट्री के सबसे अधिक मेहनताना लेने वाले लेखकों में एक माना जाता है लेकिन एक सच यह भी है कि उनके काम की अलग ही पहचान होती है। जावेद ने अपनी उस प्रतिभा को और निखारा और अपने प्रतिभा के बदले उचित मूल्य लेने की परंपरा की भी शुरुआत की। 

जावेद की इस संघर्ष भरी कहानी में एक प्रेरणा भी छिपी है कि मन में विश्वास और लगन हो तो इंसान किसी भी क्षेत्र अपना काम हासिल कर सकता है। 

Content Writer

Sunita Rajput