रस्किन बॉन्ड: उदासी भरा रहा बचपन लेकिन कागज पर हमेशा लिखी शरारत
punjabkesari.in Wednesday, May 19, 2021 - 03:11 PM (IST)

आज अंग्रेजी के प्रख्यात लेखक रस्किन बांड अपना 87वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। वह हर साल अपने बुक डिपो में प्रशंसकों के साथ जन्मदिन मनाते थे लेकिन इस बार कोरोना कर्फ्यू के कारण वह अपने प्रशंसकों से नहीं मिल पाएंगे लेकिन। हालांकि वह अपने परिवार संग घर पर ही बर्थ-डे मना रहे हैं। उनकी पूरी जिंदगी एकाकी और उदासी से भरी रही लेकिन फिर भी उन्होंने कलम की स्याही से हमेशा खुशदिली ही बिखेरी।
अब तक लिख चुके हैं कई बाल कहानियां
हिमाचल प्रदेश के कसौली में जन्में रस्किन बांड अब तक बच्चों के लिए कहानियां व किताबें लिख चुके हैं। वह 100 सौ से अधिक कहानियां, निबंध, उपन्यास और 30 से ज्यादा बाल साहित्य लिख चुके हैं। 17 साल की उम्र में उन्होंने "रूम ऑन द रूफ" किताब लिखी थी, जिसके लिए उन्हें जाॅन लेवेलिन इयर्स मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
खुशदिल मिजाज हैं रस्किन
रस्किन बॉन्ड स्वभाव से बहुत ही सरल व खुशदिल व्यक्ति है। बच्चे जितना उनका कहानियों से प्यार करते हैं उतना ही उन्हें बच्चों से लगाव है। उनकी कई उपन्यास, कहानियों पर बॉलीवुड फिल्में भी बन चुकी हैं। इनमें से 'सात खून माफ', 'जुनून', 'द ब्लू अंब्रेला' आदि फिल्में शामिल हैं।
रस्किन कोमल भावनाओं को समझने वाले
एंग्लों इंडियन परिवार में जन्में रस्किन को भारत की पहाड़ियां, वादियां बहुत पसंद आती थी। यही वजह है कि मौसम-वादियां, नदी-पर्वत, घटाएं-धूप और छोटे कीड़े उनकी कहानियों का हिस्सा बन गए।
पद्मश्री से सम्मानित
उनकी बेहतरीन कहानियों के लिए सरकार द्वारा उन्हें 1999 में पद्मश्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके लिए उन्हें 2014 में पद्मभूषण, साहित्य अकादमी पुरुस्कार और 2017 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला है।