पार्टनर की मौत के बाद महिलाओं में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा?

punjabkesari.in Saturday, Nov 17, 2018 - 11:34 AM (IST)

जीवनसाथी को खोने का दुख लोगों की नींद छीन लेता है। मगर क्या आप जानते हैं कि पार्टनर को खोने के बाद दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। हाल ही में हुए एक शोध में सामने आया है कि जो लोग अपने पार्टनर से बिछड़ जाते हैं, उनमें दिल की बीमारी होने की आंशंका अधिक रहती है। दिल के साथ-साथ इसके कारण अनिद्रा की समस्या बढ़ जाती है।

 

पार्टनर की मौत से बढ़ती है दिल की बीमारियां
शोध के मुताबिक, पार्टनर को खोने के बाद दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि पार्टनर के जाने के बाद दिल की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा रहता है।

30-50 साल की उम्र में ज्यादा खतरा
इस शोध बताया गया है कि यह खतरा 60 साल से कम उम्र वालों में ज्यादा होता है। इस स्थिति को 'एट्रियल फिब्रिलेशन' कहा जाता है, जिससे स्ट्रोक और हृदय गति रुकने का खतरा बढ़ जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 8 से 14 दिनों तक इसका खतरा सबसे ज्यादा रहता है, हालांकि बाद में यह धीरे-धीरे कम हो जाता है।

महिलाओं में ज्यादा होती हैं आशंका
पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में हार्ट अटैक या दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि महिलाएं भावनात्मक व शारीरिक तौर पर ज्यादा कमजोर होती है। रिसर्च के मुताबिक, महिलाओं में इसका खतरा पुरूषों के मुकाबले 20 प्रतिशत ज्यादा होता है।

अनिद्रा का भी करना पड़ता है सामना
हाल ही में हुए इस शोध में बताया गया है कि जीवनसाथी की मृत्यु काफी तनावपूर्ण घटना होती है, जिसके बाद लोगों को अकेले रहने की आदत डालनी पड़ती है और इससे वह अनिद्रा के शिकार हो जाते हैं।

डिप्रेशन का भी हो सकते हैं शिकार
इस रिपोर्ट में कहा गया है, 'पार्टनर की मौत से लोग अनिद्रा के शिकार हो जाते हैं, जिसके फलस्वरूप उनका प्रतिरक्षी तंत्र अत्यधिक सक्रिय हो जाता है और इससे तनाव दोगुना बढ़ जाता है।' शोध में पाया गया कि नींद में बाधा और शारीरिक पीड़ा जीवनसाथी से वंचित लोगों में 2-3 गुना ज्यादा होती है।

Content Writer

Anjali Rajput