सावन स्पेशलः अकालमृत्यु से बचाता है महामृत्युंजय मंत्र, जानिए चमत्कारिक फायदे

punjabkesari.in Monday, Aug 09, 2021 - 11:16 AM (IST)

महामृत्युंजय मंत्र यानि मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र। हिंदू धर्म में कई मंत्र व जाप का जिक्र मिलता है लेकिन महामृत्युंजय मंत्र को सबसे फलदायक माना जाता है। ऐसे कहा जाता है कि रोजाना इस मंत्र का जाप करने से आयु बढ़ती है। साथ ही यह मंत्र बीमारियों को भी दूर रखता है। चलिए आपको बताते हैं महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के फायदे व सही तरीका...

क्या है महामृत्युंजय मंत्र?

महामृत्युंजय मंत्र को त्रयंबकम मंत्र भी कहा जाता है। यजुर्वेद के अनुसार, यह मंत्र भगवान शिव की स्तुति के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने वाला व्यक्ति हमेशा रोगमुक्त रहता है और इससे मोक्ष मिलता है।

कितनी बार करना चाहिए जाप?

पंडितों की मानें तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप कम से कम सवा लाख बार करना चाहिए। मगर, आप 108 बार इसका जाप कर सकते हैं।

चलिए आप जानते हैं इस मंत्र का जाप करने के फायदे...

भगवान शिव का प्रसन्न करने के लिए

ऐसा भी कहा जाता है कि इस मंत्र से भगवान शिव भी जल्दी पसंन्न हो जाते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं। अगर आप भी भगवान शिव में आस्था रखते हैं तो इस मंत्र का जाप करने से अच्छी विकल्प कोई ओर नहीं है।

आकाल मृत्यु से बचाता है 

वैदिक शास्त्रों के अनुसार, सवा लाख बार इसका जाप करने से समय से पहले होने वाली मौत का खतरा टल जाता है। वहीं, कुंडली में अगर कम आयु, गंभीर बीमारी या दुर्घटना का योग है तो वो भी इससे टल जाएगा। हालांकि वैज्ञानिक इसे मिथ बताते हैं।

भयमुक्त करता है यह मंत्र

रोजाना इस मंत्र का जाप करने से मन व दिमाग में मौजूद डर खत्म हो जाते हैं। भविष्य पुराण के अनुसार, रोजाना 108 बार इस मंत्र का जाप करने से मन शांत और भयमुक्त होता है।

सकारात्मक ऊर्जा

रोजाना इस मंत्र का जाप करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे आप डिप्रेशन, तनाव जैसी बीमारियों से बचे रहते हैं।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए

सुबह स्नान करने के बाद रुद्राक्ष की माला से 108 बार इस मंत्र का जाप करें। इससे बीमारियां आपके आस-पास भी नहीं फटकेगी।

होता है धन लाभ

शिवलिंग के समीप बैठ कर इस मंत्र का जाप करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती है। साथ ही इससे रूके हुए काम भी पूरे हो जाते हैं।

Content Writer

Anjali Rajput