भारत का अभियान: प्लास्टिक खत्म करने के लिए बना रहा प्लास्टिक सड़क
punjabkesari.in Monday, Jul 27, 2020 - 10:32 AM (IST)
प्लास्टिक पॉल्यूशन आज देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। प्लास्टिक सिर्फ पर्यावरण को ही नुकसान नहीं पहुंचा रहा बल्कि यह सेहत के लिए भी हानिकारक है। हालांकि सरकार प्लास्टिक को खत्म करने के लिए कई कदम उठा रही है लेकिन बावजूद इसके घरों से लेकर सड़क के किनारे, समुद्र तक में प्लास्टिक की बोतलें, पॉलीथीन लिफाफें आम ही देखने को मिल जाएंगे।
प्लास्टिक खत्म करने के लिए प्लास्टिक सड़क
वहीं, प्लास्टिक के निपटान के लिए भारत ने एक ओर नया तरीका निकाला है। दरअसल, भारत में प्लास्टिक खत्म करने के लिए प्लास्टिक की ही सडकों का निर्माण किया जा रहा है। भारत सरकार सड़के बनाने के लिए प्लास्टिक कचरे का एक्सपेरिमेंट सफल रहा है, जो वाकई खुशखबरी की बात है। यही नहीं, प्लास्टिक कचरे से बनाई गई सड़कें ज्यादा सस्ती, टिकाऊ और गड्ढी रहित भी हैं।
2016 में शुरू किया था प्रोजेक्ट
खबरों की मानें तो अब तक प्लास्टिक कचरे से 1 लाख कि.मी. से ज्यादा सड़कें बनाई जा चुकी हैं। विश्व का यह पहला कोड ऑफ प्लास्टिक है, जिसमें रोड कंस्ट्रक्शन एजेंसीज द्वारा प्लास्टिक कचरे को रियूज किया गया है। बता दें कि साल 2016 में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा सड़क बनाने के लिए ठोस व प्लास्टिक कचरे को यूज करने की बात कही गई थी।
1 लाख Km सड़कें बना चुका भारत
सेंटर रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के आदेश अनुसार इस प्रोजेक्ट में 10 कि.मी. राष्ट्रीय राजमार्ग में 10% प्लास्टिक कचरे का यूज हुआ है। नोएडा सेक्टर 14ए में महामाया फ्लाइओवर बनाने के लिए 6 टन प्लास्टिक कचरा का यूज किया गया है। वहीं, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे और यूपी गेट के पास 2 कि.मी. सड़क के लिए 1.6 टन प्लास्टिक कचरा इस्तेमाल हो चुका है।
चलिए आपको बताते हैं कि प्लास्टिक के कचरे से क्या-क्या बुरे प्रभाव पड़ते हैं और किस तरह इससे निपटा जा सकता है?
. प्लास्टिक मुख्य रूप से पेट्रोकेमिकल्स से बने होते हैं, जो इंफैक्शन, कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों की वजह बनते हैं।
. प्लास्टिक के लिफाफे हानिकारक रसायन छोड़ते हैं, जो सेहत के साथ पौधों और सूक्ष्म जीवों के साथ जमीन की उत्पादकता पर भी बुरा असर डालते हैं।
. प्लास्टिक को जलाने से उसके जहरीले रसायन हवा में मिल जाते हैं, जो श्वसन प्रक्रिया, अस्थमा मरीजों के लिए घातक हो सकते हैं।
. कई बार जानवर छिलकों के साथ लिफाफे भी खा जाते हैं जो पचाने योग्य नहीं होते। इससे उनके पेट में जहर बनता है, जो जानवरों के लिए जानलेवा भी हो सकता है।
इस तरह करें प्लास्टिक कचरे को खत्म
सरकार प्लास्टिक को खत्म करने के लिए कई कदम उठा रही है लेकिन इसके खात्मे के लिए हर किसी का सहयोग जरूरी है। प्लास्टिक बैन होने के बाद भी दुकानों को आम मिल जाता है। ऐसे में ग्राहक की जिम्मेदारी है कि वो प्लास्टिक में सामान ना लें। इसकी बजाए कपड़ों आदि के बैग यूज करें। साथ ही प्लास्टिक के सामान को इधर-उधर फेंकने की बजाए डस्टबिन में भी फेंके।
उम्मीद लगाई जा रही है कि इस प्रोजेक्ट द्वारा भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने में बहुत बड़ी मदद होगी।