निर्मला सीतारमण: मजदूरोंं को 2 महीने तक मुफ्त मिलेगा अनाज, जानिए बड़ी बातें
punjabkesari.in Thursday, May 14, 2020 - 05:23 PM (IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया था, जिसके बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए विस्तार से बताया था। पहले चरण में छोटे व्यवसायों, रियल एस्टेट, संगठित क्षेत्र के वर्कर और अन्य लोगों के लिए करीब 6 लाख करोड़ की घोषणाएं की गई थीं। वहीं आज दूसरे चरण में गरीब, किसान व प्रवासी मजदूरों के लिए कई घोषणाएं की गई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने कल कहा था, 'आत्मनिर्भर भारत के 5 पिलर हैंः इकॉनमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड'। इन पैकेज के जरिए आर्थिक ग्रोथ को बढ़ाना है। भारत को आत्मनिर्भर बनाना है इसलिए इसे "आत्मनिर्भर भारत अभियान" कहा जा रहा है।
दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों के लिए किए गए ये ऐलान
-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रवासी मजदूर, छोटे किसान और गरीब हमारी प्राथमिकता है। सरकार, गांव गरीब और किसानों की मदद कर रही है।
-किसानों ने 4 लाख करोड़ रुपए का लोन लिया। ऐसे में उनके इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए। वहीं, 63 लाख लोन कृषि क्षेत्र के लिए मंजूर किए गए, जिसकी राशि 86,600 करोड़ रुपए है।
प्रवासी मजदूरों को होंगे ये फायदे
1. केंद्र सरकार ने प्रवासियों के लिए शेल्टर बनाने के खातिर राज्य सरकारों को राज्य आपदा प्रबंधन कोष (SDR फंड) उपयोग करने की अनुमति दी। साथ ही केंद्र सरकार ने SDRF के लिए 11,002 करोड़ रुपए भी जारी किए।
2. 2.33 करोड़ प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के जरिए काम दिया जा रहा है। इसके अलावा श्रम कानून के सुधार पर भी काम चल रहा है।
3. देश में न्यूनतम वेतन का लाभ सिर्फ 30% लेबर ही उठा पाते हैं। न्यूनतम मजदूरी का भेदभाव खत्म किया जाएगा। मनरेगा कि दिहाड़ी 182 से बढ़ाकर 202 रुपए किया गया है।
गरीबों के लिए किए जा रहे ये काम
-कोरोना के समय में शहरी गरीबों को 11 हजार करोड़ की मदद दी गई। इसके अलावा बेघर लोगों को 3 वक्त खाना दिया जा रहा हैं। उनके लिए पैसे की भी व्यवस्था की गई है।
-श्रम कानून में सुधार पर काम किया जा रहा है। अपने राज्यों में लौटे मजदूरों को काम दिया जाएगा। विभिन्न राज्यों में मौजूद प्रवासियों, जो NFSA या राज्य कार्डधारक नहीं हैं, उन्हें 2 माह तक 5 कि.लो. अनाज प्रति व्यक्ति तथा 1 कि.लो. चना प्रति परिवार मुहैया करवाया जाएगा।
ये भी किए जाएंगे काम...
-3 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसका पूरा खर्चा केंद्र सरकार उाठाएगी।
-प्रवासी किसी भी राशन कार्ड कार्ड से किसी भी राज्य की किसी भी दुकान से खाद्य सामग्री ले सकेंगे। सरकार 'वन नेशन वन राशन कार्ड' अगस्त से लागू करेगी।
मार्च की घोषणाओं को आगे बढ़ाएंगे
वित्त मंत्री सीतारमण ने मार्च के आखिर में 3 महीनों के लिए 800 मिलियन लोगों के लिए मुफ्त अनाज देने की घोषणा की थी। ऐसे में मनरेगा के तहत मजदूरी में वृद्धि, महिला जन धन जमाकर्ताओं और आर्थिक रूप से पिछड़ी विधवाओं, पेंशनभोगियों और अलग-अलग विकलांगों को एकमुश्त भुगतान, उज्जवला योजना के लाभार्थियों के लिए अतिरिक्त मुफ्त सिलेंडर की घोषणा की थी।
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