नवरात्रि स्पैशल: गरबा और डांडिया से दुर्गा मां को करें खुश

punjabkesari.in Friday, Sep 22, 2017 - 01:52 PM (IST)

त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है, जिसकी शुरुआत मां के पावन नवरात्रों से होती है।  नौ दिन चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के नौ रूपों (शैलपुत्री,  ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटाकूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री) की पूजा की जाती है, जिसका हिंदू परंपरा में विशेष महत्व है। नवरात्र में लोग शुभ मुहूर्त और पूजन विधि से कलश स्थापना करते हैं। इसी के साथ नवरात्र व्रत रखे जाते हैं जो लोग नवरात्र के सारे व्रत नहीं रख पाते वह पहला और आखिरी या आखिरी दो व्रत रखते हैं। देवी के व्रतों के बाद अष्टमी या नवमी को कन्या पूजन किया जाता है जिसमें 2 से लेकर 10 साल की कन्याओं को देवी मानकर हलवा पूरी और चने भोजनादि से तृप्त किया जाता है। 

नवरात्र और गरबा-डांडिया का कनैक्शन 

शारदीय नवरात्रों में गरबा और डांडिया बड़ी धूमधाम से खेला जाता है। वैसे गरबा और डांडिया, गुजरात का पारंपारिक नृत्य है लेकिन धीरे-धीरे अब यह पूरे देश में बड़े उत्साह और उमंग के साथ खेला जाता है। बहुत से लोग इस नृत्य का इंतजार रंग-बिरंगे कपड़े पहनने और इसे खेलने के लिए करते हैं। माना जाता है कि गरबा और डांडिया मां और महिषासुर के बीच हुई लड़ाई का नाटकीय रूपांतर है। यह नृत्य मां दुर्गा को काफी प्रिय है इसलिए नवरात्रि के दिनों में नृत्य के जरिए मां को प्रसन्न किया जाता है। गरबा का आयोजन मां की पूजा से पहले किया जाता है और डांडिया का आयोजन मां की आरती-पूजा के बाद देर शाम को किया जाता है। घट स्थापना होने के बाद इस नृत्य का आरंभ होता है। घट स्थापना में छिद्रों वाले मिट्टी के घड़े में दिया प्रज्वलित किया जाता है, जिसे दीपगर्भ कहते हैं और यही दीपगर्भ गरबा कहलाता है। डांडिया डांस में इस्?तेमाल की जाने वाली डांडिया स्?टिक को मां दुर्गा की तलवार के रूप में माना जाता है इसलिए इस डांस फॉर्म को 'ञ्जद्धद्ग स्2शह्म्स्र ष्ठड्डठ्ठष्द्ग' के नाम से भी जाना जाता है।

तीन तालियों का महत्व

जब महिलाएं समूह बनाकर गरबा खेलती हैं तो वे तीन तालियां बजाती है। इसके पीछे  का महत्व ब्रह्मा, विष्णु, महेश से है। इस त्रिमूर्ति के आस-पास ही पूरा ब्रह्मांड घूमता है। तालियों के माध्यम से इन तीन देवों की कलाओं को एकत्र कर शक्ति का आह्वान किया जाता है।

ट्रडीशनल गरबा ड्रेसेज  

गरबा और डांडिया नृत्य में महिलाएं और पुरुष ट्रडीशनल ड्रैसकोड में नजर आते हैं। महिलाएं हैवी लंहगे और साड़ी जबकि पुरुष कलरफुल कुर्ता पजामा अगर आप भी डांडिया या गरबा डांस में हिस्सा ले रही हैं तो इन खूबसूरत ड्रसेज को ट्राई करें।

1. डबल घेरा या मल्टी लेयर लहंगा


ट्रडीशनल ड्रैसकोड में डबल घेरे व मल्टी लेयर में कलरफुल लहंगा बहुत अट्रैक्टिव लगता है। गरबा नाइट में आप इसे पहनकर हर किसी का दिल चुरा लेगी। इसके साथ आप बांधनी दुपट्टा कैरी कर सकती हैं। इस पर आप डार्क कलर का लहंगा ही ट्राई करें तो अच्छा है। इस पर खूबसूरत मिरर वर्क किया हो तो ड्रैस की ग्रेस और भी बढ़ जाएगी। काठियावाड़ी लहंगा चोली के साथ मल्टीकलर दुप्ट्टा भी लड़कियां खूब पसंद करती हैं। 

2. लहंगा स्टाइल साड़ी


आप साड़ी को भी लहंगे स्टाइल में कैरी करके डिफरैंट लुक दे सकती है। इसके लिए आपको साड़ी का पल्लू पीछे से आगे की तरह सेट करना होगा। अगर साड़ी का पल्लू और बॉर्डर हैवी एम्ब्रायडरी वाला होगा तो ड्रैस ज्यादा अट्रैक्टिव लगेगी। इसके साथ आप खूबसूरत ट्रडीशनल ज्वैलरी वियर करना ना भूलें।

3. अंगरखा कुर्ता और धोती 


अगर आप साड़ी या लहंगा नहीं वियर करना चाहती तो राजस्थानी स्टाइल अंगरखा कुर्ते के साथ धोती सलवार ट्राई कर सकती हैं। वहीं लड़के भी कलरफुल और मिरर वर्क वाला अंगरखा कुर्ते के साथ धोती और पायजामा ट्राई कर सकते हैं। 

4. बांधनी 


बांधनी का फैशन हमेशा एवरग्रीन है। बांधनी प्रिंट में हर रंग व डिजाइन में आकषर्क लगता है। आप बांधनी प्रिंट में लहंगा साड़ी कुछ भी ट्राई कर सकती हैं। अगर लंहगा प्लेन हैं तो दुपट्टा बांधनी प्रिंट में ट्राई कर लें। 

5. कच्छ वर्क इम्ब्रायडरी
गरबे के पारंपरिक परिधानों में कच्छ वर्क को भी खूब पसंद किया जाता है। आप इस वर्क वाला लहंगा चोली ट्राई कर सकती हैं। 

 

- वंदना डालिया

Punjab Kesari