भारत की ताकतवर महिला थीं सुषमा स्वराज, मौत से 3 घंटे पहले किया था ट्वीट

punjabkesari.in Wednesday, Aug 07, 2019 - 11:34 AM (IST)

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का कल रात निधन हो गया। वह पिछले काफी समय से बीमार थी। सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। मौत से 3 घंटे पहले सुषमा ने ट्वीट किया और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था, जीवन में इसी दिन की प्रतीक्षा कर रही थी। मोदी ने कहा कि सुषमा जी का निधन मेरे लिए निजी क्षति है।

 

सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति की सबसे ताकतवर महिलाओं में से एक थी, जिनका भाषण सुन विपक्षी भी कायल हो जाते थे। इतना ही नहीं, वो मोदी सरकार में विदेश मंत्री बनने वाली भारत की पहली महिला थी लेकिन यहां तक पहुंचने का उनका सफर काफी कठिन रहा।

सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी, साल 1952 में अंबाला में हुआ था। उन्होंने अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। भाषण और वाद-विवाद में हमेशा आगे रही सुषमा ने कई प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा दिखाकर पुरस्कार जीता।

सुषमा शुरू से ही आर्मी ज्वॉइन करना चाहती थीं लेकिन उस समय आर्मी में महिलाओं को भर्ती की अनुमति नहीं मिलने के कारण वह अपना सपना पूरा नहीं कर पाई। सुषमा स्वराज ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ शुरू की। वे अपने छात्र जीवन से ही प्रखर वक्ता रहीं। 1977 में उन्हें मात्र 25 वर्ष की उम्र में राज्य का कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उन्हें 1977 से 1979 तक सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे 8 मंत्रालय मिले थे। जिसके बाद 27 साल की उम्र में 1979 में वह हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनी थीं।

सुषमा स्वराज छह बार सांसद, तीन बार विधायक और 15वीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहीं। वे केन्द्रीय मंत्री और दिल्ली की मुख्‍यमंत्री भी रहीं। उन्होंने आपातकाल के विरोध में ‍सक्रिय प्रचार किया। राजनीति में आने से पहले सुषमा स्वराज का पेशा वकालत था। उन्होंने 1973 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की थी। इतना ही नहीं, उन्होंने 13 जुलाई, साल 1975 में स्वराज कौशल से शादी की, जोकि पेशे से वकील हैं।

प्रमुख उपलब्धियां

स्वराज दम्पति की उपलब्धियों के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है।

-साल 2008 और 2010 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ संसदीय पुरस्कार मिला था। वह इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली पहली और एकमात्र महिला सांसद थी।
-सुषमा स्वराज को राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता होने का गौरव प्राप्त था।
-वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भी रही।
-वह पहली महिला केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी थी।
-सुषमा स्वराज विपक्ष की पहली महिला नेता भी थी।

Content Writer

Priya dhir