पुलवामा अटैक में शहीद हुए मेजर विभूति की पत्नी बनेंगी सेना में अफसर!

punjabkesari.in Thursday, Feb 20, 2020 - 01:21 PM (IST)

दिल दहला देने वाले 'पुलवामा हमले' को एक साल बीत गया है लेकिन इसका दर्द भारत कभी नहीं भूला पाएगा। 14 फरवरी के दिन हुए इस आंतकी हमले में किसी ने अपने पति को खोया, किसी ने अपना भाई तो किसी ने अपने बेटे को खो दिया।

 

वहीं, इस हादसे में निकिता ढौंडियाल ने भी अपना पति खो जिया। पुलवामा में आतंकियों के खिलाफ चले ऑपरेशन में सेना के जवान मेजर विभूति ढौंडियाल भी शहीद हुए। मेजर विभूति ढौंडियाल का पार्थिव शरीर जब उनके निवास स्थान देहरादून पहुंचा तो उन्हें देख उनकी धर्मपत्नी निकिता ढौंडियाल ने बड़ी ही हिम्मत से मेजर के पार्थव शरीर को सेल्यूट किया। इस वीरांगना की दहाड़ देख उस दिन पूरा देश सहम गया था। मगर, अब पत्नी नितिका ढौंडियाल भी पति की राह पर चल पड़ी हैं और जल्द ही वह सेना की वर्दी में नजर आएंगी। नितिका ने सभी जरूरी परीक्षाएं पास कर ली है। बताया जा रहा है जल्द वे सेना ज्वाइन कर सकती हैं। 

नितिका ने बताया कि यह इतना आसान नहीं था लिहाजा इसके लिए ना केवल दोनों परिवारों की इजाजत बेहद मायने रखती थी बल्कि इसके साथ ही सेना का सहयोग भी बेहद मायने रखता था। ऐसे में सभी ने उनको मोटिवेट किया और सबसे ज्यादा अगर किसी ने मोटिवेट किया तो वह थे विभूति ढौंडियाल। नितिका कहती हैं कि वे भले ही शारीरिक रूप से आज उनके साथ न हों लेकिन उन्हें मानसिक रूप से आज भी उनका साथ हमेशा मिलता है।

नितिका ने कहा कि फिलहाल वो सेना की तरफ से आने वाले कॉल लेटर का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने अपनी तरफ से हर परीक्षा को पूरी तत्परता और परिश्रम के साथ दिया है। लिहाजा अब उन्हें इंतजार है कि सेना की तरफ से जब ग्रीन सिग्नल मिलेगा तो एक बार फिर से अपने पति की तरह ही वह सेना की वर्दी में दिखाई देंगी नितिका कहती हैं कि वह बिल्कुल कॉन्फिडेंट हैं कि सेना में भर्ती होने से उनके आगे कोई भी किसी तरह की दिक्कत आएगी ।

नितिका कहती हैं कि 1 साल कैसे बीता है यह हम जानते हैं क्योंकि किसी की यादों को भुलाना तो आसान नहीं होता। आज भी जब पूरा परिवार एक साथ बैठता है तो उनकी शरारतें, उनकी बातें और उनकी आदतें हमको कभी कभार ना केवल हंसाती है बल्कि रुलाती भी है। 

शहीद विभूति की मां कहती है कि बहू के सेना में जाने से ठीक वैसा ही उनको लग रहा है जैसा विभूति के सेना में भर्ती होने से लगा था। भले ही वो आज दुनिया में नहीं है लेकिन उन्हें लगता है कि उनकी बहू ही विभूति के रूप में उनके घर में एक बार फिर से सेना की ड्रेस में आने वाली है। उन्हें इस बात को सोचकर ही बेहद खुशी हो रही है।

18 अप्रैल 2018 को पुलवामा हमले के मुख्य आरोपी गाजी रशीद को मार गिराया गया था। 100 घंटे चले इस ऑपरेशन में भारतीय सेना के मेजर विभूति ढोंडियाल की शहादत हुई थी। देहरादून के रहने वाले मेजर विभूति ढोंडियाल इस ऑपरेशन को लीड कर रहे थे और ऑपरेशन में उनके साथ 4 जवान भी शहीद हुए। आज मेजर विभूति की शहादत को 1 साल पूरा हो गया है उनकी पत्नी नितिका आज भी उन्हें जब याद करती है तो उनकी आंखें नम हो जाती हैं।

हालांकि वह कहती हैं कि उन्हें लगता है कि वह आज भी उनके साथ हैं और वह उनको कभी भूलना नहीं चाहती हैं। उनके पति का बलिदान देश के बच्चे बच्चे को याद है। नितिका SSC दे चुके हैं और मेरिट का इंतजार कर रही हैं। उन्हें विश्वास है कि जल्द ही वह भी भारतीय सेना में अफसर बनेगी। हालांकि वह मानती हैं कि वह अपनी पति की जगह कभी नहीं ले पाएंगे क्योंकि वह बहुत खास थे और इसीलिए उन्होंने अपने अमूल्य बलिदान देकर देश की रक्षा की है। 

रिपोर्ट कुलदीप रावत देहरादून

Content Writer

Anjali Rajput