Queen Elizabeth के पति तो थे लेकिन इंगलैंड के राजा नहीं ...एक समय तो खत्म हो गई घर में प्रिंस की महत

punjabkesari.in Saturday, Apr 10, 2021 - 04:23 PM (IST)

ब्रिटेन के शाही परिवार के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति, महारानी एलिजाबेथ-II (द्वितीय) के पति प्रिंस फिलिप 99 साल की उम्र में कल दुनिया को अलविदा कह गए। खबरों की माने तो उनकी हाल ही में हार्ट सर्जरी हुई थी और उन्होंने क्वीन के साथ जनवरी में कोरोना वैक्सीन भी लगवाई थी। ग्रीस के रहने वाले फिलिप कैसे ब्रिटिश शाही परिवार के प्रिंस बने चलिए इस पर नजर डालते हैं...

महारानी के पति तो थे लेकिन...

प्रिंस फिलिप, महारानी के पति तो थे और ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग भी लेकिन उन्हें कभी इंग्लैंड के राजा का खिताब नहीं मिला... एक समय ऐसा भी था जब उनके अपने घर में ही उनकी महत्ता कम हो गई थीं ऐसा होने का कारण शाही परिवार की परंपरा और शाही नियम ही थे।

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इसलिए नहीं मिली राजा की विरासत

दरअसल, पिता के निधन के बाद ब्रिटेन की गद्दी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने संभाली क्योंकि नियम अनुसार, यदि कोई पुरुष मौजूदा रानी से शादी करता है तो उसे राजा की पदवी नहीं दी जाती क्योंकि राजा की उपाधि विरासत में ही मिलती है जो शाही खानदान का वारिस हो। इसी कारण क्वीन एलिजाबेथ के बाद राजा का खिताब उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स को मिलेगा। हालांकि राजा की पत्नी को रानी की उपाधि मिलती है। इसके पीछे का तर्क है कि रानी का खिताब सांकेतिक होता है और वह राज नहीं करती है इसलिए जब भी प्रिंस विलियम गद्दी संभालेंगे और राजा बनेंगे तो उनकी पत्नी केट मिडिलटन अपने आप ही रानी बन जाएंगी।

बहुत दिलचस्प है प्रिंस और क्वीन की लवस्टोरी

भले ही प्रिंस फिलिप, ब्रिटेन के वो शाही सदस्य थे जिन्होंने ब्रिटिश इतिहास में सबसे ज्यादा समय तक राज किया। लेकिन उनका जन्म 10 जून 1921 को ग्रीस में हुआ था और कहा जाता है कि प्रिंस फिलिप के परिवार को ग्रीस से निर्वासित कर दिया गया था जिसके बाद उनका परिवार यूरोप के अलग-अलग देशों में रहा। प्रिंस फिलिप पढ़ाई के लिए ब्रिटेन आए जहां वह रॉयल नैवी कॉलेज में पढ़ते थे। वहीं वह ब्रिटेन की रॉयल नेवी के सदस्य भी बने और विश्व युद्ध में शरीक भी हुए थे। पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात क्वीन एलिजाबेथ से हुई थी। प्रिंस और क्वीन की लवस्टोरी काफी दिलचस्प थी।

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13 साल की उम्र में हुई क्वीन को प्यार

साल 1939 में दोनों पहली बार मिले, उस वक्त क्वीन एलिजाबेथ सिर्फ 13 साल की थी। दोनों लंदन के रॉयल नेवल कॉलेज में एक दूसरे को मिले। क्वीन अपने पिता किंग जॉर्ज सीक्सथ और मां महारानी एलिजाबेथ व बहन के साथ वहां दौरे पर गई थी। कॉलेज की तरफ से फिलिप,  शाही मेहमानों के स्वागत के लिए तैनात थे यहीं से दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी। लव लेटर का किस्सा शुरू हुआ जो कई सालों तक चलता रहा।

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साल 1946 में फिलिप ने किंग जॉर्ज से उनकी बेटी एलिजाबेथ का हाथ मांग लिया। किंग जॉर्ज माने तो लेकिन एक शर्त के साथ कि सगाई की रस्म तभी होगी जब एलिजाबेथ 21 साल की हो जाएगी। सगाई से पहले फिलिप को यूनानी और डेनिश की पदवी छोड़कर ब्रिटिश नागरिक बनना पड़ा। सगाई के 5 महीने बाद 1947 को एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप की शादी हुई यहीं से उन्हें ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग की उपाधि दी गई। हालांकि प्रिंस का खिताब भी फिलिप के पास नहीं था। 1957 से पहले तक फिलिप सिर्फ ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग ही थे। 1957 में महारानी ने उन्हें प्रिंस के खिताब से नवाजा था जिसके पीछे की वजह उनके अपने घर में कम होती महत्ता ही थीं।

प्रिंस फिलिप की मौत की खबर से ब्रिटेन में शौक भरा माहौल है।


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Content Writer

Priya dhir

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