करवाचौथ स्पेशल: जानें, किसने रखा था पहला व्रत और कैसे हुई इसकी शुरूआत

punjabkesari.in Thursday, Oct 29, 2020 - 12:58 PM (IST)

सुहागन महिलाओं का पसंदीदा त्यौहार आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। औरतें इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरा दिन भूखी रहकर व्रत करती है। यह व्रत कार्तिक माह की चतुर्थी को रखा जाता है इसलिए इसे करवाचौथ कहते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि पहली बार किसने यह व्रत रखा था और इस दिन की शुरूआत कैसे हुई। चलिए जानते हैं करवाचौथ से जुड़ी कुछ खास बातें।

किसने रखा था सबसे पहले व्रत?

मान्यताओं के अनुसार, सबसे पहले पार्वती माता ने शिवजी के लिए यह व्रत रखा था। इसी व्रत से उन्होंने अखंड सौभाग्य प्राप्त किया था इसलिए इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा की जाती है। उनके बाद महाभारत में पांडवो की विजय के लिए द्रौपद्री ने यह व्रत रखा था।

सदियों से चल रही है प्रथा

करवाचौथ के दिन पत्नी का पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। ऐसा भी माना जाता है कि एक बार देवताओं और दानवों के युद्ध में देवता हारने लगे थे। तभी भगवान ब्रह्मा जी ने उनकी पत्नियों से व्रत रखकर उनकी विजय के लिए प्रार्थना करने को कहा। इसी वजह से सभी देवताओं को जीत प्राप्त भी हुई।

सुहागन औरतें क्यों रखती है करवाचौथ व्रत?

स्त्री को शक्ति का रूप माना जाता है इसलिए उसे ये वरदान मिला है कि वो जिस चीज के लिए भी तप करेगी, उसे उसका फल अवश्य मिलेगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावित्री अपने पति को यमराज से वापस आई थी इसलिए महिलाएं करवाचौथ के व्रत के रूप में अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती है।

क्यों सुनी जाती है करवा के साथ गणेश जी की कथा?

ऐसा कहा जाता है कि कथा कभी भी अकेले नहीं सुननी चाहिए इसलिए करवा के साथ गणेशजी की कथा भी सुनी जाती है। गणेश जी को बच्चे का रूप माना जाता है और इसलिए गणेशजी की पूजा की जाती है, ताकि महिलाओं को एक पत्नी और एक मां की शक्ति भी मिल सके।

Content Writer

Anjali Rajput