रक्षाबंधन मानाने के कारण क्या है, जानें

punjabkesari.in Saturday, Aug 25, 2018 - 10:03 AM (IST)

रक्षाबंधन का त्यौहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हर साल बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बंधकर उससे अपनी रक्षा का वचन मांगती है। मगर क्या आप जानते हैं इस दिन का महत्व क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर इस दिन का क्या महत्व है और क्यों हर साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्यौहार को विधि अनुसार मनाया जाता है।

रक्षाबंधन पौराणिक कथाओं के मुताबिक

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, देव गुरु बृहस्पति ने राजा इंद्र को व्रित्रा असुर के खिलाफ लड़ाई पर जाने से पहले अपनी पत्नी से राखी बंधवाने को कहा था। उनके कहने पर इंद्र की पत्नी शचि ने उन्हें राखी बांधी थी। इससे देवताओं का आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने दानवों पर विजय प्राप्त की। तभी से राखी बांधने की प्रथा शुरू हुई और आजतक चल रही है।

राखी का ऐतिहासिक महत्व

ऐसा माना जाता है कि महाभारत की लड़ाई से पहले श्री कृष्ण ने राजा शिशुपाल के खिलाफ सुदर्शन चक्र उठाया था। इस दौरान उनके हाथ में चोट लग गई, जिसपर दोप्रदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर कृष्ण जी के हाथ में बांधा था। इसके बदले में कृष्ण ने द्रोपदी को उनकी रक्षा करने का वचन दिया था और तभी से राखी का पर्व मनाया जा रहा है।

एक अन्य कथा के मुताबिक, जब बहादुर शाह चित्तौड़ का राज्य हड़प रहा तो रानी कर्णावती ने सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर उनसे रक्षा मांगी थी। अलग धर्म का होने के बावजूद भी हुमांयू ने रानी कर्णावती को उनकी रक्षा करने का वचन दिया था और तब से ही राखी का पर्व मनाया जा रहा है।

रक्षाबंधन का महत्व

रक्षाबंधन का पावन पर्व भाई और बहन के अटूट प्यार और इस अनोखे रिश्ते का प्रतीक है। आज भी दुनियाभर में लोग इस त्यौहार को न सिर्फ खुशी से मनाते बल्कि वह अपनी बहन की रक्षा करने का वचन भी देते हैं। सिर्फ अपनी बहन ही नहीं बल्कि इस दिन लड़कियां अपने भाई के दोस्त या जिन्हें वह अपना भाई मानती है उन्हें भी राखी बांधती है। आपको बता दें कि इस साल यह पावन पर्व 26 अगस्त सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जा रहा है।

Content Writer

Anjali Rajput