अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस: परिवार से दूर रहकर निभा रही ड्यूटी, लोगों को कर रही जागरूक

punjabkesari.in Tuesday, May 12, 2020 - 12:21 PM (IST)

आज दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जा रहा है। डॉक्टर के बाद नर्स को ही भगवान का दर्जा दिया जाता है, जो अपनी जान दांव पर लगाकर मरीजों की सेवा करती हैं। कोरोना संकट में भी नर्स बेहद अहम भूमिका निभा रही हैं और अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों का इलाज कर रही है। आज हम आपको एक महिला नर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने परिवार से दूर रहकर भी अपनी जिम्मेदारी निभा रही है और लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रही है।

 

मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में बने कोविड-19 में तैनात नर्स अंकिता और काजल को जब भी वक्त मिलता है वह झुग्गी बस्तियों में जाकर लोगों को कोरोना के खतरे और इससे बचाव की जानकारी देती हैं। इनकी तरह अन्य नर्स भी अपनी ड्यूटी जिम्मेदारी से निभा रही हैं।

जागरूकता भी जरूरीः नर्स अंकिता

झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोग कोरोना संकट और इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों से अंजान थे। ऐसे में नर्स अंकिता लोगों को जागरूक करने की पहल शुरू की। वह गांव-गांव जाकर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करती है।

बच्चों से भी नहीं मिल पा रहीः अमृता सिंह

नर्स अमृता सिंह कोरोना वार्ड में अपनी ड्यूटी कर रही है। इसके चलते वह अपनी अपने परिवार वह बच्चों से भी नहीं मिल पा रही है। दरअसल, उनका कहना है कि मरीज के साथ-साथ अपने परिवार को भी सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए वह घर जाकर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखती है और बच्चों को करीब नहीं आने देती।

साबुन से धोएं हाथः नर्स काजल

नर्स काजल झुग्गी बस्तियों में जाकर वहां रहने वाले लोगों खासकर, बच्चों को सोशल डिस्टेंस की जानकारी देती हैं। साथ ही साबुन से हाथ धोने का सही तरीका, घर से बाहर न जाना, जरूरत पड़ने पर घर से निकना और मास्क लगाकर रखना जैसी जरूरी जानकारी देती हैं।

मरीज की सेवा ही पहला धर्मः नर्स रुखसार

नर्स रुखसार का कहना है कि हमारे पेशे में मरीज की सेवा करना ही पहला धर्म है। मैं रमजान में पूरे रोजे रख रही हूं। ड्यूटी के साथ रोजे रखना कठिन कार्य है लेकिन ऊपर वाला सब हिम्मत देता है। मेरी ड्यूटी कोविड वार्ड में है इसलिए मैं अपने घर भी नहीं जा पाती। मगर, परिवार का आशीर्वाद मेरे साथ है।

Content Writer

Anjali Rajput