कहीं आपकी बीमारी की वजह बिस्तर तो नहीं?

punjabkesari.in Saturday, Mar 23, 2019 - 01:02 PM (IST)

दिनभर की थकान के बाद आराम करने के लिए या सोने के लिए हर किसी को बिस्तर पर जाने की जल्दी होती है। खास बात यह है कि घर में सभी के बेड, तकिए और चादर अलग होते हैं और हमें अपने जीवन से जुड़ी इन वस्तुओं से इतना प्यार हो जाता है कि गलती से अपने अतिरिक्त किसी और का तकिया ले लें तो उस पर नींद ही नहीं आती। यही हाल चादर और गद्दे या बेड के साथ भी होता है लेकिन क्या आपको पता है कि अगर आप बार-बार बीमार पड़ रहे हैं, आपको कोल्ड या कफ की समस्या बड़ी जल्दी हो जाती है तो इसका कारण भी आपके बिस्तर में ही छिपा हो सकता है।


दो साल की जिंदगी

अगर आप किसी भी तरह की एलर्जी, इंफेक्शन, खांसी या जुकाम से बार-बार बीमार हो रहे हैं तो सबसे पहले अपना तकिया बदलिए। कई स्टडीज में सामने आया है कि किसी भी तकिए को दो साल से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जी हां, दो साल से अधिक अगर आप किसी तकिए का इस्तेमाल करते हैं तो आपको एलर्जी और इंफेक्शन जैसी समस्याएं घेर सकती हैं।

 

पुराना तकिया देगा बीमारियां 

तकिए और बिस्तर से जुड़ी कई रिसर्च समय-समय पर होती रही हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 2 साल से ज्यादा किसी तकिए को इसलिए उपयोग में नहीं लाना चाहिए क्योंकि उसमें डेड स्किन सेल्स के कारण कई तरह के कीटाणु और बैक्टीरिया पनप जाते हैं, जो सांस के साथ हमारे शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं और हमें बीमार बनाते हैं। कई बार ये बैक्टीरिया स्किन इंफेक्शन का भी कारण बन जाते हैं। 

 

ऐसे होते हैं खराब 

कई बार हम बालों में ऑइलिंग किए हुए होते हैं और तकिए पर सिर रखकर सो जाते हैं। इस दौरान तकिए के अंदर का फाइवर हमारे सिर से काफी ऑइल सोख लेता है। साथ ही हमारे सिर की डेड स्किन सेल्स भी तकिए में जाती रहती हैं। धूल के कण भी तकिए में जाते हैं और जब हम बीमार होते हैं, तब भी इसी तकिए का इस्तेमाल करते हैं। एक स्टडी में पाया गया है कि सामान्य स्थिति में हमें हर 6 महीने में अपना तकिया बदल देना चाहिए। 

 

गद्दे की भी होती है लाइफ 

आपका गद्दा चाहे क़ॉटन का हो, फोम का हो या जूट का। हर गद्दे की लिमिटेड लाइफ होती है लेकिन सही समय पर गद्दे को बदलना सही रहता है वरना ये कई तरह की बीमारियां पैदा कर सकता है। आमतौर पर इनके इस्तेमाल का समय 5 से 10 साल होता है।

 

Content Writer

Anjali Rajput